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________________ १६८ भगवतीसूत्रे अफासे पण्णत्ते । सन्तमेणं भंते! तणुवाए कइवण्णे ? जहा पाणाइवाए, नवरं अटुफासे, एवं जहा सत्तमे तणुवाए तहा सत्तमे घणवाए, घणोदही पुढवी, छट्टे उवासंतरे अवण्णे, तणुत्राए जात्र छट्टी पुढवी, एयाई अट्ठ फासाई, एवं जहा सत्तमाए पुढवीए वत्तव्वया भणिया तहा जाव पढमाए पुढवीप भाणि - यव्वा, जंबुद्दीवे दीवे सयंभुरमणे समुद्दे सोहम्मे कप्पे, जाव ईसिपारा पुढवी नेरइयावासा जाव वेमाणियावासा एयाणि सव्वाणि अह कासाणि । नेरइयाणं भंते! कइवन्ना, जाव कइ - फासा पण्णत्ता ? गोयमा ! वेउव्जियतेयाइं पहुच पंचवन्ना, पंचरसा, दुगंधा, अटू फासा पण्णत्ता, कम्मगं पडुच्च पंचवन्ना, पंचरसा, दुगंधा, चउफासा पण्णत्ता । जीवं पडुच्च अवन्ना जाव अफासा पण्णत्ता, एवं जाव थणियकुमारा । पुढविकाइयपुच्छा, गोयमा ! ओरालियतेयगाई पडुच्च पंचवन्ना, जाव अटुफासा पण्णत्ता, कम्मगं पडुच्च जहा नेरइया, जीवं पडुच्च तहेव, एवं जाव चउरिंदिया नवरं वाउक्काइया ओरालियवेडन्वियतेयगाई पडुच्च पंचवन्ना, जाव अटूफासा पण्णत्ता, सेसं जहा नेरइयाणं । पंचिदिया तिरिक्खजांणिया जहा वाउक्काइया । मणुस्साणं पुच्छा, ओरालियवे उब्वियआहारगतेयगाइं पहुच पंचवन्ना, जाव अट्ठफासा पण्णत्ता । कम्मगं जीवं च पहुच्च जहा नेरइया, वाणमंतर जोइसियवेमाणिया जहा नेरइया, धम्मत्थिकाए जाव पोग्गलत्थिकाए एए सब्वे अवण्णा नवरं શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૦
SR No.006324
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 10 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1967
Total Pages735
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size43 MB
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