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भगवतीसूत्रे एक्कविहेणं पडिक्कमइ ? गोयमा ! तिविहं तिविहेणं पडिक्कमइ, तिविहं दुविहेण वा पडिक्कमइ, तं चेव जाव, एक्कविहं वा एक्कविहेणं पडिक्कमइ, १-तिविहं तिविहेणं पडिक्कममाणे न करेइ, न कारवेइ, करें तं गाणुजागइ, मणसा, वयसा कायसा, २-तिविहं दुविहेणं पडिक्कममाणे न करेइ, न कारवेइ, करेंतं णाणुजाणइ मणसा, वयसा, ३ अहवा न करेइ, न कारवेइ, करेतं नाणुजाणइ मणसा, कायसा, ३अहवा न करेइ, न कारवेइ, करेंत नाणुजाणइ वयसा, कायसा, ४-तिविहं एगविहेणं पडिक्कममाणे न करेइ, न कारवेइ, करेतं णाणुजाणइ मणसा, ५-अहवा न करेइ, न कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ वयसा ६-अहवा न करेइ, न कारवेइ, करेंतं नाणुजाणइ कायसा ७, अहवा न करेइ न कारवेइ करतं नाणुजाणइ कायसा दुविहं तिविहेणं पडिक्कममाणे न करेइ, न कोरवेइ मणसा वयसा कायसाद, अहवा न करेइ, करें तं गाणुजाणइ मणसा वयसा कायसा९, अहवा न कारवेइ, करे-तं गाणुजाणइ मणसा वयसा कायसा १०, दुविहं दुविहेणं पडिक्कममाणे न करेइ, न कारवेइ मणसा वयसा ११, अहवा न करेइ न कारवेइ मणसा कायसा १२, अहवा न करेइ, न कारवेइ वयसा कायसा १३, अहवा न करेइ, करेतं णाणुजाणइ मणसा वयसा १४, अहवा न करेइ, करेंतं नाणुजाणइ, मणसा कायसा १५, अहवा न करेइ, करेंतं गाणुजाणइ वयसा कायसा १६, अहवा
श्री. भगवती सूत्र :