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भगवतीमत्रे प्ररूराढानां समृष्टः, संनिचितः, भृतो बालानकोटीनाम्, तानि बालाग्राणि मोऽग्निदहेत, नो वायुः हरेत्, नो कुथ्येयुः, नो परिविध्वंसेरन, नो पूतितया हव्वम् आगच्छेयुः, ततो वर्षशते वर्षशते एकैकं बालाग्रम् अपहाय यावता हो, ऊंचाई में एक योजनका हो तथा उसकी परिधि सविशेषतिगुनी-तीन योजन की हो (से णं एगाहिय, बेयाहिय, तेयाहियउको सं सत्तरत्तप्परूढाणं संमढे संनिचिए, भरिए, बालग्गकोडीणं) ऐसे उस पल्य में एक दिवस, दो दिवस, तीन दिवस और अधिकसे अधिक सात ७ रात तकके उगे हुए करोडों बालानोंको खूब ठसाठस ऊपर तक भर देना चाहिये । बालानोंसे उसे संनिचित कर देना चाहिये कही पर भी राई प्रमाण जगह खाली न रहे इस रूपसे उसमें करोडों बालानोंको उसके मुख तक खूब दाब कर भरना चाहिये । ( ते णं वालग्गे णो अग्गी दहेज्जा) इस तरहसे खचाखच भरे हुए उन बालानोंको अग्नि नहीं जला सकती है इसलिये यहां ऐसा कहा गया है कि उन बालानोंको इस रूपसे उसमें भरना चाहिये कि जिससे उन्हें अग्नि न जला सके (णो वाउ हरेजा, गो कुत्थेजा) वायु उन्हें उडा न सके, वे सड़ न सके, (णो परिविद्धंसेज्जा ) नष्ट न हो सके, (णो पूइत्ताए हव्वं आगच्छेन्जा)
और न उनमें से किसी भी प्रकारसे दुगध आसके (तओ णं वाससए वाससए एगमेग बालग्गं अवहाय जावइएणं कालेणं भने मे या 331 राय, (से णं एगाहिय, बेयाहिय, तेयाहिंय ० उक्कोससत्तरत्तप्परुढाणं सम संनिचिए, भरिए, बालाग्गकोडीण) aai cli (કૂવામ) એક દિવસ, બે દિવસ, ત્રણ દિવસ અને અધિક સાત રાત્રી સુધીમાં ઉગેલા, કરેડે બાલાને ખૂબ ઠાંસી ઠાંસીને ઉપર સુધી ભરી દેવા જોઈએ. બાલાગ્રોથી તેને સંનિશ્ચિત કરી દેવે જોઈએતેમાં તલભાર જગ્યા પણ ખાલી ન રહે એવી રીતે કરેડ બાલાોને તેમાં ખૂબ દબાવી દબાવીને તેના મુખ સુધી ખીચખીચ ભરી દેવા बने. (तेणं बालग्गे णो अग्गी दहेज्जा) तमायोन यi aai तो भायाभीय AR था तभने मनि माजी नहीं, (णो वाऊ हरेजा) (णो कुत्थेजा) वायु डी शर्ड नही, जी सही पY ४ u नहीं, (णो परिविद्धंसेज्जा नाट ५५ २६ २ नहीं, मन (णो प्रइत्तार हव्वं आगच्छेज्जा) तमाथी 9 नी मावी : नहि. (तओ णं वाससए वाससए एगमेगं प्रगमेगं बालग्गं अवहाय जावइएणं कालेणं से पल्ले नीरए, निम्मले,
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૫