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जैनाचार्य-जैनधर्मदिवाकर-पूज्यश्री-घासीलालजी-महाराज
विरचितया प्रमेयचन्द्रिकाख्यया व्याख्यया समलङ्कृतं हिन्दीगुर्जरभाषाऽनुवादसहितम्
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श्री-भगवतीसूत्रम् BHAGAVATI SUTRAM
पञ्चमो भागः
नियोजकःसंस्कृत-प्राकृतज्ञ-जैनागमनिष्णात-प्रियव्याख्यानिपण्डितमुनिश्री कन्हैयालालजी-महाराजः
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प्रकाशक : राजकोटनिवासि - श्रेष्ठिश्री - शामजीभाइ - वेलजीभाइ वीराणी, तथा कडवीवाइ-वीराणी-ट्रस्ट-प्रदत्तद्र-व्यसाहाय्येन
अ. भा. श्वे. स्था, जैनशास्त्रोद्धारसमितिप्रमुखः श्रेष्ठि-श्री शान्तिलाल-मङ्गलदासभाइ-महोदयः
राजकोट. प्रथमा-आवृत्ति : वीर संवत् विक्रम संवत् इस्वीसन प्रति १२०० २४८९ २०१९ १९६३
मूल्य रु. २५००
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