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________________ प्रमेयचन्द्रिका टी० ० ५ उ० ८० ३ जीवादिविहान्यादिनिरूपणम् ६६३ उक्कोसेणं अट्ठ समया, केवइयं कालं निरुवचय-निरवच्या? जह प्णेणं एवं समयं, उक्कोसेणंछम्मासा॥सेवंभंते२॥सू०३॥ पंचमसए अट्ठमो उद्देसो समत्तो ॥५-८॥ छाया-जीवाः खलु भदन्त ! किं सोपचयाः, सापचयाः, सोपचय-सापचयाः, निरपचय-निरपचयाः ? गौतम ! जीवा नो सोपचयाः नो सापचयाः, नो सोपच य-सापचयाः, निरुपचय-निरपचयाः । एकेन्द्रियास्तृतीयपदे। शेषाः जीवाश्चतुर्वपि पदेषु भणितव्याः। सिद्धाः खलु पृच्छा? गौतम ! सिद्धाः सोपचयाः, 'जीवाणं भंते' इत्यादि सूत्रार्थ--(जीवा णं भंते ! किं सोवचया, सावचया, सोवचय, सा वचया, निरुवचय, निरवचया) हे भदन्त ! जीव क्या उपचय सहित हैं या अपचय सहित हैं ? अथवा उपचयापचय दोनों से सहित है ? या उपचय और अपचय दोनों से रहित है ? (गोयमा! जीवा णो सोवचया, नो सावचया, नो सोवचयसावचया, निरुवचय-निरवचया -एगिदिया तइयपये, सेसा जीवा चरहिं पयेहिं भाणियव्वा) हे गौतम ! जीव उपचय सहित नहीं है, अपचय सहित नहीं है, उपचय अपचय दोनों से भी सहित नहीं है। किन्तु वे उपचय और अपचय दोनों से रहित है। एकेन्द्रिय जीव तृतीयपद में हैं और बाकी के जीव चारों पदों द्वारा भणितव्य हैं। (सिद्धाणं पुच्छा ) हे भदन्त ! सिद्ध कैसे " जोवाण भते !" त्याह सत्राथ-( जीवाण' भते ! कि सोवचया, सावचया, सोवचय, सावचया, निरुवचयनिरवचया) महन्त ! | 6५यय ( वृद्धि) युतीय छ કે અપચય ( હાસ) યુકત હોય છે? અથવા શું તેઓ ઉપચય અને અપચય, એ બનેથી યુક્ત હોય છે? અથવા તેઓ ઉપચય અને અપચયથી २डित डाय छ ? ( गोयमा ! जीवाण णो सोवचया, नो सावचया, नो सोवचयः सावचया, निरुवचयनिरवचया, एगि दिया तइयपये, सेसा जीवा च उहि पयेहि भाणियव्वा ) गौतम ! « ययथा युत हाता नथी, अ५ययथी यरत પણ લેતા નથી, ઉપચય અને અપચય એ બનેથી પણ યુકત નથી, પણ તેઓ ઉપચય અને અપચય એ બનેથી રહિત હોય છે. એકેન્દ્રિય જીનું ત્રીજા પદ દ્વારા અને બાકીના જીવોનું ચારે પદ દ્વારા કથન કરવું જોઈએ. (सिवाणे पुच्छा ) Ra! सि. ५२मात्मामा वि स ईमेल ५७१३ શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૪
SR No.006318
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 04 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1963
Total Pages1142
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size65 MB
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