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________________ - - भगवतीस्त्रे माणवः, तेजः, तेजःसिंहः, तेजस्कान्तः, तेजः प्रभः, द्वीपकुमाराणाम्-पूर्णः, विशिष्टः, रूपः, रूपांशः, रूपकान्तः, रूपनमः, उदधिकुमाराणाम्-जलकान्तः, जलप्रभः, जलः, जलरूपः, जलकान्तः, जलप्रभः, दिक्कुमाराणाम्-अमितगतिः, स्कुमार देवोंके ऊपर ये दशदेव अधिपतित्व करते हुए यावत् विहार करते हैं, उनके नाम ये है हरिकान्त और हरिसह तथा इनदोनों के लोकपाल इनके लोकपालों के नाम ये हैं प्रभ, सुप्रभ, प्रभाकान्त सुप्रभाकान्त । (अग्गिकुमाराणं अग्गिसीह, अग्गिमाणव तेउ, तेउसीह, तेउकंत, तेउप्पभ) अग्निकुमारों के ऊपर ये दशदेव अधिपतित्व करते हुए यावत् विहार करते हैं उनके नाम ये हैं अग्निशिख, अग्निमाणव, तथा इन दोनों के लोकपाल इनके लोकपालोके नाम इस प्रकारसे हैं तेज, तेजसिंह, तेजकान्त और तेजप्रभ (दीवकुमाराणं पुण्ण, विसिट्ट, रूप-रूयंस, रूयकत, रूयप्पभ) द्वीपकुमारों के ऊपर अधिपतित्व करनेवाले ये देव हैं-पूर्ण और विशिष्ट तथा इनके लोकपाल रूप, रूपांश, रूपकांत और रूपप्रभ (उदहिकुमाराणं जलकंते, जलप्पभ, जल, जलरूप, जलकंत, जलप्पभ) उदधिकुमार देवो के ऊपर अधिपतित्व करनेवाले ये दश देव हैं जलकान्त और जलप्रभ तथा इन दोनों के लोकपाल जल, जलरूप, जलकान्त एवं जलप्रभ हैं। (दिसा | [१] Rstन्त, [२] सिड, [3 थी १० ते मन्नना यार, यार सपा- प्रन, सुन, प्रमाsird, भने सुप्रभात. _ (अग्गिकुमराणं अग्गिसीह, अग्गिमाणव,-तेउ तेउसीह, तेउकंत, तेउप्पभ) અગ્નિકમા પર નીચેના દસ દેવો અધિપતિ આદિ કરે છે– [૧] અગ્નિશિખ, अनिमाप, [3 थी १०] तथा ते मन्नना यार, यार सास- तेश, तेजसिंह, તેજકાન્ત અને તેજપ્રભ. (दीवकुमाराणं पुण्ण, विसिट्ट, रूय-रूयंस, रूयकंत, रूयप्पभ) द्वीपमा। ५२ નીચેના દસ દેવોનું અધિપતિત્વ આદિ ચાલે છે– [૧] પૂર્ણ, (૨] વિશિષ્ટ [૩ થી ૧૦] પૂર્ણ અને વિશિષ્ટના ચાર ચાર લેમ્પલે- રૂપ, રૂપાંશ, રૂપકાંત અને રૂપકભ. (उदहिकुमाराणं-जलकंते, जलप्पभ-जल, जलख्या जलकत, जलप्पभ) ઉદધિકુમારે પર નીચેના દસ દે અધિપતિત્વ આદિ કરે છે– [૧] જલકાન્ત, ]િ જલપ્રભ ૩િ થી ૧૦] તે બન્નેને ચાર ચાર લોકપાલે – જલ, જલરૂપ, જલકાન્ત અને જલપ્રભ. શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૩
SR No.006317
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 03 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1963
Total Pages933
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size52 MB
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