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भगवतीसूत्रे
इ वा, मल्लवासा इ वा, वण्णवासा इ वा, चुण्णवासा इवा, गंधवासा इ वा, वत्थवासा इ वा, हिरण्णबुट्ठी इ वा, सुवण्ण बुटी इ वा, रयणवुट्टी इ वा, वइर बुट्टी इ वा आभरणबुट्टी इ वा, पत्त वुट्ठी इ वा, पुफ्फवुट्ठी इ वा, फलबुट्टी इ वा, बीअवुट्टी इ वा; मल्लबुट्टी इवा, वण्णवुट्टी इ वा, चुण्णपुट्टी इवा, गंधबुट्ठीइवा वत्थ वुट्टी इ वा, भायणवुठी इ वा, खीर वुट्टी इ वा, सुकाला इ वा दुक्काला इ वा, अप्पग्घा इ वा, महग्घा इ वा, सुभिक्खा इ वा दुभिक्खा इ वा, कयविक्कयाइ वा, सन्निही इ वा, संनिचया इवा, निही इ वा, निहाणाई वा, चिरपोराणाई वा, पहीणसामि आइंवा, पहीणसउ आई वा, पहीण मग्गाणि वा, पहीणगोत्ता गाराइं वा, उच्छण्णसामि आई वा, उच्छण्णसेउ आई वा; उच्छण गोत्ता गाराइं वा, सिंघाडग-तिग-चउक्क-चच्चर-चउम्मुहमहापह-पहेसु वा, नगरनिद्धमणेसु वा, सुसाणगिरि-कंदर-संति सेलो-वटाण-भवणगिहेसु संनिक्खिताई, चिट्ठति, न ताई सकस्स देविंदस्स, देवरणो वेसमणस्स, महारण्णो अण्णायाइ अदिट्ठाइं, असुआई, अस्सु (मु) आइं, अविच्णायाई, तेसिं वा वेसमणकाइआणं देवाणं, सकस्स देविंदस्स, देवरणो वेसमणस्स महारण्णी इमे देवा अहावञ्चाऽभिण्णाया होत्था, तं जहा-पुण्णभदे, मणिभदे, सालिभद्दे, चक्के, रक्खे, पुण्ण रक्खे, सवाणे, सवजसे, सबकामे, समिद्धे, अमोहे; असंगे; सकस्स णं देविंदस्स, देवरणो वेसमणस्स महारणो दो
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૩