SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 107
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ८४ भगवती सूत्रे हस्ती लोकोत्तमः लोकनाथः लोकहितः लोकप्रदीपः लोकप्रद्योतकरः अभयदयः चक्षुर्दयः मार्गदयः शरणदयः धर्मदयः जीवदयः बोधिदयः धर्मदेशकः धर्मनायकः धर्मसारथिकः धर्मवरचा तुरन्तचक्रवर्ती द्वीपः त्राणं शरणं गतिः प्रतिष्ठा अप्रतिहतवरज्ञानदर्शनधरः व्यावृत्तच्छद्मा जिनः जापकः तीर्णः तारकः बुद्धः बोधकः मुक्तः ( पुरिसुत्तमे ) पुरुषोत्तम (पुरिससीहे) पुरुषसिंह (पुरिसवरपुंडरीए ) पुरुषवरपुण्डरीक ( पुरिसवरगंधहत्थी ) पुरुषवरगंधहस्ती (लोगुत्तमे ) लोकोत्तम (लोगनाहे) लोकनाथ (लोगहिए) लोकहित ( लोगप्पईवे) लोकप्रदीप (लोयपज्जोयगरे) लोकप्रद्योतकर (अभयदए ) अभयदय (चक्खुए) चक्षुर्दय (मग्गदए ) मार्गदय (सरणदए ) शरणदय (जीवद ए) जीवदय ( बोहिदए ) बोधिदय ( धम्मदए ) धर्मदय ( धम्मदेसए) धर्मदेशक ( धम्मनायए) धर्मनायक ( धम्मसारहिए ) धर्मसारथिक (धम्मवर - चाउरंत चक्कवही ) धर्मवर चातुरंत चक्रवर्ती ( दीवो) दीपतुल्य (ताणं ) रक्षण समर्थ (सरणगई ) शरणगति ( पठ्ठा) प्रतिष्ठास्वरूप ( अप्पडिहयवरनाणदंसणधरे) अप्रतिहतवरज्ञानदर्शनधर ( वियहछउमे ) व्याघृतछद्मा ( जिणे ) जिन ( जावए) जापक ( तिण्णे) तीर्ण ( तारए) तारक (बुद्धे) बुद्ध, (बोहए) बोधक, (मुत्ते) मुक्त, (मोयए) मोचक (सव्वन्नू ) सर्वज्ञ, (सव्वदरिसी) सर्वदर्शी, ऐसे (समणे भगवं महावीरे) श्रमण yaulu's, (gfiaazjedeta) ypaazy'sels—yzdıni ysels ama, (gftuar. गंधहत्थी ) पुरुषवरण'धहस्ती - पुरुषोभां गंधहस्ती समान, (लोगुत्तमे) सोअत्तम, (लोगनाहे) सोनाथ, (लोगहिए) बो डितअ२४, (लोग पईवे) सोङ अद्वीप, (लोयपज्जो - यगरे ) बोङप्रद्योत २, (अभयदए ) मलय हेनारा, (चक्खुद) यक्षुहाता, ( मग्गदए ) भार्गद्दय-मोक्षभार्ग' मतावनार, (सरणदए ) शरगुहाता, (जीवदए ) वहाता, (बाहिदए) मोधिदाल हेनार, (धम्मदए ) धर्मध्य, (धम्मदेसए) धर्मनी देशना आपनार, (धम्मनायए) धर्मनाथ, (धम्मसारहिए ) धर्मसारथिङ, ( धम्मवरचाउरंत चक्कवट्टी ) धर्मवर यातुरंत यवर्ती, ( दीवो) द्वीपस्य (ताणं ) रक्षणु अश्वाने समर्थ, ( सरणगई ) शरशे ४नारने शरशु आपनार, ( पइट्ठा ) प्रतिष्ठास्व३५ ( अप्पडिहयवरनाणदंसणधरे) अप्रतिहत श्रेष्ठ ज्ञानदर्शन धारण ४२नार, ( वियट्टचछउमे ) व्यावृत्तछद्मा ( जिणे ) निन ( जावए) लयड ( तिष्णे ) तीर्थ ( तारए) तार, (बुद्धे ) युद्ध, (बोहए ) मध, (मुत्ते) भुक्त, (मोयए) भोय-भुक्त उशवनार, (सव्वन्नू ) सर्वज्ञ, (सव्वदरिसी) सर्वधर्शी, मेवा (समणे भगवं महावीरे ) श्रभा શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧
SR No.006315
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1961
Total Pages879
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size52 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy