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________________ श्रीमान् सेठ श्री खीमराजजी सा, चोरडियाका संक्षिप्त जीवन चरित्र संसारके विशाल प्रांगनमें कार्यरूपी क्रीडा करते हुए विरलेही पुरुष असीम सफलताके भागी बनते हैं। दानवीर महोदय श्रीमान खीमराजजी साहय चोरडिया उन उन्नायकों में से है, जिन्होंने अपनी मुकार्यदक्षता एवं सुव्ययस्थासे अच्छी उन्नति की. आपका जन्म सं. १९७१ मिति आसोज सुदि ९ को हुआ । आपका निवास नागोरके समीप चन्दावोंका नोखा है। इस नोखा गायके नवनिर्माणमें चोरडिया परिवारका महत्वपूर्ण योग रहा है । आपके पिता स्व० श्रीमान् सीरेमलजी साहब चोरडियाका आप पर धार्मिकताका अच्छा असर पड़ा । बचपनसे ही आप प्रतिभाशाली छात्रों में से । अतः स्वल्प समयमेंही शिक्षा समाप्त कर व्यापारक्षेत्रमें उतर पडे जिसमें से आपने अच्छी सफलता प्राप्त की। पिताके स्वर्गवास के पश्चात् आप मद्रास चले गये । आपकी वैज्ञानिक बुद्धिके कारण थोडेही दिनों में इस कार्यमें कुशलता प्राप्त कि " खिमरान मोटर्स-जिसमें बेड. फोर्ड ट्रक, एम्बेसडरकार टेम्पो, ओटोरिकशा और वेल्पा स्कुटरकी एजे. न्सियां हैं। आपने अपने जीवन में व्यवसायिक कार्यो में अतिशय उन्नति की। आप मद्रासके एक प्रभुत्व श्रीमन्त व्यवसायी हैं। आप स्थानकवासी जैन धर्मानुयायी एवं उदार धर्मप्रेमी सज्जन हैं। सार्वजनिक जनहितके कार्योमें पूरी दिलचस्पी रखते हैं। उदारचेता हैं. साहित्यरसिक होनेके साथ साथ धार्मिक नित्यनियम व व्रत, उपवास आदि तपश्वर्या में भी अच्छी रुचि रखते है। जैन हाइस्कूलमें २१००)की लागतका एक हाँल बनवाकर अपने अपनी शिक्षाप्रेमका अच्छा परिचय दिया। आपकी ओरसे मद्रासमें ‘खीवराज डीस्पें श्री स्थानां। सूत्र :03
SR No.006311
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 03 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1965
Total Pages636
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sthanang
File Size37 MB
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