________________
सुघा टोका स्था०२ उ०३ सू०३५ जम्बूद्वीपवेदिकानिरूपणम् ४३९ मवंता दो महाहिमवंता, दो निसढा, दो नीलवंता, दो रुप्पी, दो सिहरी, दो सद्दावाई, दो सहायायवासी साती देवा, दो वियडावाई, दो वियडावाइवासी पभासा देवा, दो गंधावाई, दो गंधावाईवासी अरुणा देवा, दो मालवंत. परियागवासी पउमा देवा। दो मालवंता, दो चित्तकूडा, दो पम्हकूडा, दो नलिणकूडा, दो एगसेला, दो तिकूडा, दो समणकूडा, दो अंजणा, दो मायंजणा, दो सोमणसा, दो विज्जुप्पभा, दो अंकावाइ,दो पम्हावाई, दो आसीविसा, दो सुहावहा, दो चंदपवया, दो सूरपव्वया, दो णागपचया, दो देवपवया, दो गंधमायणा, दो उसुगारपव्वया, दो चुल्लहिमवंतकूडा, दो वेसमणकूडा, दो महाहिमवंतकूडा, दो वेरुलियकूडा, दो निसढकूडा, दो रुयगकूडा, दो नीलवंतकूडा, दो उपदंसणकूडा, दो रुप्पिकूडा, दो मणिकंचनकूडा, दो सिहरिकूडा, दो तिगिच्छिकूडा, दो पउमद्दहा, दो पउ. महहयासिणीभो सिरिदेवीओ, दो महापउमदहवासिणीओ हिरीदेवीओ। एवं जाव पुंडरीयदहा दो पुंडरीयदहवासिणीओ, लच्छीदेवीओ, दो गंगप्पवायदहा जावदो रत्तयइप्पयायदहा, दो रोहियाओजाय दो रुप्पकूलाओ, दो गाहावईओ, दो पंकवईओ, दो तत्तजलाओ, दो मत्तजलाओ, दो उम्मत्तजलाओ, दो खीरोयाओ, सीहसोयाओ,दो अंतोवाहिणीओ,दो उम्मिमालिणीओ, दो फेणमालिणीओ, दो गंभीरमालिणीओ, दो कच्छा१, दो सुकच्छार, दो महाकच्छा३, दो कच्छागाई४,
શ્રી સ્થાનાંગ સૂત્ર : ૦૧