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________________ समयार्थबोधिनी टीका द्वि. श्रु. अ. ६ आर्द्रकमुने गौशालकस्य संवादनि० ६४७ - प्राणातिपातादिकारकाः दुष्टस्वभावाः 'अणारिया' अनार्याः-असदनुष्ठायिनःधर्मसंज्ञारहिताः 'बाला' बालाः- सदसद्विवेक विकलाः 'रसेसु' रसेषु मांसादिषु 'गिद्धा ' गृद्धाः - आसक्ताः - अध्युपपन्नाः । हे भिक्षो : तत्र मतानुयायिनोनार्या इति भावः ॥ ३८ ॥ पुनरपि आर्द्रकमुनि बौद्धभिक्षुकं प्रत्याह मूलम् - जे यावि भुंजंति तहप्पगारं, संवंति ते पावमैजाणमाणा । मण ने ऐयं कुंसला करेंति, वाया वि ऐसा बुझ्यों उ मिच्छा ॥ ३९ ॥ छाया - ये चापि भुञ्जते तथाप्रकारं सेवन्ते ते पापमजानानाः । मनो नैतत्कुशलाः कुर्वन्ति वामप्येषोक्ता तु मिथ्या ॥ ३९ ॥ विपरीत अनार्य पुरुषों के धर्म का आचरण करते हैं अर्थात् प्राणातिपात आदि कुकृत्य करने वाले एवं स्वभाव से दुष्ट हैं । वे स्वयं भी अनार्य हैं और सत् असत् के विवेक से शून्य हैं । मांसादि रसों में आसक्त हैं । तात्पर्य यह है कि मांस भोजन करने वाले तुम्हारे मत के अनुयायी आनार्य हैं || ३८ | आर्द्रक मुनि पुनः बौद्धभिक्षु से कहते हैं- 'जे यावि मुंजंति तहगारं' इत्यादि । - शब्दार्थ - 'जे यावि-ये चापि' जो लोग 'तहपगारं भुजति तथा प्रकारं भुञ्जते' पूर्वोक्त मांसका भक्षण करते हैं ते-ते' वे 'अजाणमाणाअजानानाः' अज्ञानी 'पावं सेवंति - पापं सेवन्ते' पापका ही सेवन करते અનાય પુરૂષોના ધનુ' આžણ કરે છે. અર્થાત્ જેઓ પ્રાણાતિપાત વિગેરે કુકૃત્ય કરવાવાળા અને સ્વભાવથી દુષ્ટ છે તે પાતે પણ અનાય જ છે. અને સત્ અસના વિવેકથી રહિત છે. માંસ વિગેરે રસેામાં આસક્ત છે. કહેવાનું તાત્પર્ય એ છે કે-માંસનુ લેાજન કરવાવાળા તમારા મતના અનુ યાયી અનાય છે. ાગા૦ ૩૮૫ आर्द्र भुनि इरीथी बौद्ध साधुने हे छे है- 'जे यावि भुंजंति तहप्पगार' ४० शब्दार्थ - 'जे यावि-ये चापि' ने बोडो 'तहपगार' भुंजंति - तथाप्रकार भुञ्जते' पूर्वोक्त मांस लक्षाणु उरे छे, 'ते-ते' तेथे 'अजाणमाणा-अजानानाः ' ज्ञानी 'पाव' सेवंति - पाप सेवन्ते' पातु व सेवन १२ छे, 'कुसला - कुशलाः' શ્રી સૂત્ર કૃતાંગ સૂત્ર : ૪
SR No.006308
Book TitleAgam 02 Ang 02 Sutrakrutanga Sutra Part 04 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1971
Total Pages795
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sutrakritang
File Size43 MB
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