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मर्मप्रकाशिका टीका श्रुतस्कंघ २ उ. २ सू० २६ पिण्डैषणाध्ययननिरूपणम् ६५ जीयानां प्राणविनाशपूर्वकं सम्पाद्यमान भोजनालयो भोजनशालोच्यते, अतएव संखडिनिमितमागच्छतः साधूनुद्दिश्य वक्ष्यमाणरीत्या श्रद्धालुः गृहस्थ वसती: कुर्वन् आधाकर्मादिदोपप्रयोजको भवेदिति प्रतिपादयन्नाह-'अस्संजए मिक्खुवडियाए' असंयतः कश्चित् श्रावकः प्रकृतिभद्रको वा भिक्षुप्रतिज्ञया साध्वर्थम् संखडिभिक्षार्थमागच्छत् श्रमणनिमित्तकमित्यर्थः 'खुड्डियदुवारिया भी महल्लियदुवारियाओ कुज्जा' क्षुद्रद्वाराः संक्षिप्तद्वाराणि महाद्वाराः बृहद् द्वाराणि कुर्यात, एवं कार्यमपेक्ष्य 'महल्लियवारियाओखुड्डियदुवारियाो कुज्जा' महाद्वारा: विस्तृतद्वाराणि क्षुदद्वाराः संकुचितद्वाराणि कुर्यात, तथाचाधाकर्मादिदोष आपतति, एवम् 'समाओ सिज्जाओ विसमाओ कुज्जा' समाः शय्याः वसतिरूपसंस्तारकाणि सागारिक साधु और साध्वी को संखडि लाभ की इच्छा से संखडी में नहीं जाना चाहिये क्योंकि जहां पर अनेक प्राणी जात संखण्डित-विराधित पीडित होते हैं ऐसे अनेक प्राणियों को विनाश पूर्वक किया जाता या बनाया जाता हुआ भोजन के स्थान को संखडी कहते हैं अत एव इस प्रकार के संखडी भोजन शाला में भिक्षा के लिये माधु साध्वी नहीं जाय इसी तरह संखडि निमित्तक आनेवाले साधु को लक्ष्य करके यदि कोइ श्रद्धालु गृहस्थ वसती बनावे तो वह भी आधाकर्मादि दोषों का प्रयोजक होसकता है यह बतलाते हैं-'असंजए भिक्खुपडियाए' असंयत-कोई असंयत गृहस्थ यदि मिक्षुओं साधुओं की प्रतिज्ञा से संखडी में भिक्षा के लिये आते हुए साधु के लिये खुड्डिय दुवारियाओ महल्लिय दुवारियाओ कुजा' संक्षिप्त द्वारों को बडे दार वाले कुर्यात्-करे एवं 'महल्लिय दुवारियाओ खुड्डियदुवारियाओ कुजा' बडे द्वारों को संक्षिप्तद्वाराः संक्षिप्त-छोटे द्वारवाले वसति को बनावे अर्थात छोटे द्वार को बडा द्वार और बडे द्वार को छोटा द्वार बनावे तो आघाकर्मादि दोष लगेगा, इसी तरह 'समाओ सिजाओ विसमाओ कुजा' समाः शय्याः-पसति रूप संस्तारकों को सागारिक जनों के કરવામાં આપતો કે બનાવવામાં આવતા ભોજનના સ્થાનને સંખડી કહેવામાં આવે છે. તેથી આવા પ્રકારના ભેજનાલયમાં ભિક્ષા પ્રાપ્ત કરવા સાધુ કે સાધ્વીએ જવું નહીં એજ પ્રમાણે સંખડિ નિમિત્તક આવનારા સાધુને ઉદ્દેશીને જે કઈ શ્રદ્ધાળુ ગૃહસ્થ વસતી બનાવે તે તે ગૃહસ્ય પણ આધાકર્માદિ દેના પ્રયજક ગણાય છે. એજ બતાવે છે.– 'असंजए भिक्खुपडियाए' । असयत 29.३२५ र साधुनी प्रतिज्ञाथी समीम सिक्षाने भाटे भावना२। साधुने 'खुड्डिय दुवारियाओ महल्लियदुवारियाओ कुज्जा' क्षित वाराने मोटर वाराण! ४२ तथा 'महल्लिय दुवारियाओ खुड्डिय दुवारियाओ कुज्जा' मोटर वाशन નાના દ્વારવાળા બનાવે અર્થાત્ નાનાદ્વારને મેટિાદ્વાર અને મોટાદ્વારને નાનાદ્વાર બનાવે તે मायामात होप साणे छे थे शते 'समाओ सिज्जाओ विसमाओ कुज्जा' स२मा यसती३५ सताने सागा२नाना माथाना लयी विषम मनाने माने 'विसमाओ सिज्जाओ
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શ્રી આચારાંગ સૂત્ર : ૪