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आचाराङ्गसूत्र द्वितीय श्रुतस्कंध की
विषयानुक्रमणिका क्रमाङ्क विषय
पिण्डैषणा अध्ययन का निरूपण शय्येषणाध्ययन का निरूपण ईर्याध्ययन का निरूपण भाषाजात अध्ययन का निरूपण वस्त्रैषणाघ्ययन का निरूपण पात्रैषणाध्ययन का नि पण अवग्रह प्रतिमाध्ययन का निरूपण ध्यानरूपकायोत्सर्गविधि का निरूपण स्वाध्यायभूमि में आचरण करने के योग्य एवं अनाचरणीय विधि का निरूपण उच्चार प्रस्रवण विधि का निरूपण शब्दासक्ति का निषेध रूपासक्ति का निषेध परक्रिया का निषेध परस्पर की क्रिया का निषेध भावनाध्यन का निरूपण विमुक्ताध्ययननिरूपण
पृष्ठाङ्क १-३१५ ३१६-४८९ ४९०-५९२ ५९३-६६५ ६६६-७३७ ७३८-७७७ ७७८-८३८ ८३९-८४९
८४९-८५५ ८५६-८९५ ८९५-९२३ ९२४-९२७ ९२८-९९० ९९१-९९५ ९९६-११६४ ११६५-११८६
श्री आया। सूत्र : ४