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विषयप्रत्येक दिशा विदिशा में पृथिवी आदि आश्रित त्रसजीवों को परिताप देने से संसार भ्रमणत्रसकाय के समारम्भ में अन्य प्राणियों की हिंसा प्रसकाय की हिंसा में परिज्ञा (सकायसमारंभदोष) उपभोगद्वार वेदनाद्वार त्रसजीवविराधनाफल त्रसजीवहिंसाप्रयोजन उपसंहार उद्देशसमाप्ति सप्तम उद्देश (वायुकाय) वायुकायविराधनविवेक वायुकायलक्षण वायुकायमरूपणा वायुकायपरिमाण वायुकायशस्त्र वायुकाय की हिंसा में षड्जीवनिकायरूप लोक की हिंसा द्रव्यलिङ्गिकत वायुकायविराधना वायुकायोपभोग वायुविराधनादोष वायुविराधनापरिहार मुखवस्त्रिकाविचार षनिकायारम्भदोष षड्जीवविराधनापरिहार प्रथम अध्ययन समाप्ति
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७०४ ७१२ ७१७ ७२०
શ્રી આચારાંગ સૂત્ર : ૧