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________________ पृष्ठा ३७४ ३८३ ३८३-३९७ ३८६ ३८८ ३९० ३९१ ३९२ ३९२-३९७ विषयकर्मक्षयविचार इति कर्मवादिप्रकरण क्रियावादिप्रकरण प्राणातिपातक्रिया मृगवध में उद्यत की क्रिया कुमूल में लोह डालने वाले की क्रिया । धनुष से बींधने वाले की क्रिया दृष्टिज्ञान के लिये हस्तादिफैलाने वाले की क्रिया ताड पर चढ कर उसके फल तोडनेवाले की क्रिया अठारह पापस्थान (१) प्राणातिपात (२) मृषावाद (३) अदत्तादान (४) मैथुन (५) परिग्रह (६-१८) क्रोध से मिथ्यादर्शनशल्यतक इति क्रियावादि प्रकरण छठा सूत्र (कर्मसमारम्भ) सूत्र सप्तम ( अपरिज्ञात कर्मजीव) सूत्र अष्टम (जीव का योनिसंधान) योनिभेद (९) चोरासी लाख योनिया सूत्र नवम (परिज्ञा) सूत्र दशम (कर्मसमारम्भ) सूत्र एकादश (उपसंहार) सूत्रद्वादश ( उपसंहार) ३९४ ३९४ ३९५-३९७ ३९७ ३९७-४०१ ४०२-४०३ ४०३-४०९ ४०४ ४०७ ४०९ ४११ ४१६ શ્રી આચારાંગ સૂત્ર : ૧
SR No.006301
Book TitleAgam 01 Ang 01 Aacharang Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1958
Total Pages781
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_acharang
File Size35 MB
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