SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 260
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अध्ययन-सार : निदान के फलस्वरूप सम्भूत मुनि पद्मगुल्म देव विमान से आयुष्य पूर्ण कर काम्पिल्य नगर में रानी चुलनी की कुक्षि से जन्म ले ब्रह्मदत्त चक्रवर्ती बने। चित्र मुनि देवायुष्य पूर्ण कर पुरिमताल नगर में श्रेष्ठि-पुत्र बन कर प्रव्रजित हुए। दोनों काम्पिल्य नगर में मिले। दोनों ने कर्म-फल- विपाकविषयक वार्ता की। पूर्वजन्मों की स्मृति करते हुए ब्रह्मदत्त चक्रवर्ती ने चित्र मुनि को मनोज्ञ इन्द्रिय-विषयों व काम-भोगों के सुख भोगने के लिए प्रव्रज्या को दु:खद बताते हुए आमंत्रित किया। चित्र मुनि ने वर्तमान श्रेष्ठता को पूर्व-कृत शुभ कर्मों का परिणाम बताते हुए ये हितकारी उद्गार व्यक्त किए-'सभी गीत विलाप, नाटक विडम्बना, आभूषण भार और काम-भोग दु:खद हैं। ये अज्ञानियों के लिए आकर्षक हैं। सच्चा सुख विरक्त, शील व तप सम्पन्न भिक्षुओं को मिलता है। तुम क्षणिक काम-भोग त्याग चारित्र धर्म ग्रहण करो। अन्यथा मृत्यू-समय व परलोक में शोक होगा। मत्य-समय कोई सहायक नहीं होता। कृत कर्मों को अकेले कर्त्ता ही भोगता है। सब सम्पदा यहीं छूट जाती है। शरीर-संस्कार कर सभी स्वजन अन्य आश्रयदाता का अनुसरण करते हैं। वृद्धावस्था व मृत्यु समीप आती जा रही है। रात्रियां भाग रही हैं। काम-भोगों का छूटना अवश्यम्भावी है। अतः प्रमाद व पाप छोड़ो। न छोड़ पाओ तो धर्म में स्थित हो सभी जीवों के प्रति दया पालो। दुर्गति से बचो।' यह सुन ब्रह्मदत्त चक्रवर्ती ने काम-भोगों को अपने लिए दुर्जेय बताया। कहा कि 'अशुभ निदान का प्रतिक्रमण न करने के कारण मैं धर्म को जानते हुए भी उसका आचरण नहीं कर पा रहा। मैं दलदल में फंसे हाथी की तरह किनारा देख कर भी वहां तक नहीं पहुंच पा रहा।' चित्र मुनि ने अपने असफल प्रयास पर खेद व्यक्त किया और चले गये। मुनि-वचन पालन न कर ब्रह्मदत्त चक्रवर्ती सातवें नरक में गया। चित्र मुनि ने उत्कृष्ट संयम पाल कर अनुत्तर सिद्ध गति प्राप्त की। 00 २३० उत्तराध्ययन सूत्र
SR No.006300
Book TitleUttaradhyayan Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhadramuni
PublisherUniversity Publication
Publication Year1999
Total Pages922
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_uttaradhyayan
File Size125 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy