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(6) उपनयन व लिपिसंख्यान क्रिया....
(7) समावर्तन व व्रतावतरण..
(8) विवाह व संन्यास.........
(१) गृहत्याग व प्रवज्या से सम्बद्ध.
(10) अन्त्येष्टि संस्कार......
20. आराधना व बहुमान के पात्रः देव-देवियां.......
..86
(2) वैदिक परम्परा में भक्ति व अवतारवाद..
(3) जैन उपासना / आराधना की पृष्ठभूमि..
(4) भारतीय संस्कृति का उत्सः आत्मोपासना... (आत्मा ही उपास्य, शुद्धात्मत्व के प्रतीकः पांच परमेष्ठी) (5) ज्ञानदेवी सरस्वती की आराधना.........
(6) सोलह विद्यादेवियां....
(7) बहुमान के पात्रः देव-देवियां... (शासनदेव व देवियां)
(8) ईश्वर - सेवित वृक्ष और चैत्यवृक्ष...
(१) शलाकापुरुष और रामकृष्ण अवतार
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..88
...........90
..88
90-113
(1) वैदिक उपासना-पद्धति की पृष्ठभूमि...................90
(महनीय राम-कृष्ण अवतार, जैन परम्परा में भगवान् राम, जैन परम्परा में वासुदेव श्रीकृष्ण)
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.99
........100
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....107
21. दोनों परम्पराओं के कथानकों में साम्य...
113-115
22. दोनों परम्पराओं में सैद्धान्तिक समन्वय....... 115-116
23. परस्पर समन्वय के पुरोधा मनीषी...
24. निष्कर्ष........
....116-123
123