________________
समेतशिखर पर शान्तिनाथजी मोक्ष सिधावियाजी ॥ प्रभातिया रो तारो आंगण हंस मोती चुगेजी। जठे नेमीनाथजी जनमिया समुद्रविजयजी राजा रे बधावनाजी ये तो केवल पाया करुणा से पशुव छुडावियाजी। गिरनार पर नेमीनाथजी मोक्ष सिधावियाजी ॥ प्रभातिया रो तारो आंगण हंस मोती चुगेजी। जठे पार्श्वनाथ जनमिया, अश्वसेन राजा रे बधावनाजी ये तो केवल पाया अज्ञानी कमठ समझावियाजी । समेतशिखर पर पार्श्वनाथजी मोक्ष सिधावियाजी । प्रभातिया रो तारो आंगण हंस मोती चुगेजी। जठे महावीर स्वामी जनमिया सिद्धारथ राजा रे बधावना जी ये तो केवल पाया जिन शासन दिपादियाजी। पावापुरी में महावीर स्वामी मोक्ष सिधाधियाजी ॥
। सूरज ।। (तर्ज : धोलो तो धोलो काई करो संयां) धोलो तो धोलो कांई करो सैयां धोलो विणी रो कपास । धोला चन्दाप्रभु सोवता ए सैया धोलो सूरज रो प्रकाश पोलो तो पीलो काई करो सैयां पीलो सोना रो रंग । पीलो रंग आदिनाथजी रो सैयां पीलो हलदी रो रंग ॥ हरियो तो हरियो कांई करो सैयां हरियो
42