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________________ भावज करावे थारा, वीराजी हर्षावे इसड़ो कलेवो थारा, माताजी करावे माताजी करावे थारा, पिताजी हर्षावे फीणा तो रोटी ओ बनड़ा, लूणी रो लचको इसडा जिमणियां थारा, मामाजी करावे मामीजी करावे थारा, मामीजी हर्षावे खाजा तो लाडू बनडा, सरस जलेबी जीम चूटने बनडा, परण पधारो पशुवारी करुणा बनडा, पाछा जो फिरिया संजम लीनो बनडा, धर्म ने दिपाया गिरनारी ऊपर बनडा, मुगत सिधाया ॥ वीरा ॥ (तर्ज- भविका परम पजुशन आया) केवल वीरा मिलवाने वेगा आयजो, मोक्ष पियरियारी बात बतायजो ॥टेर। पियरिया में बेटी बाजं, सासरिया में गांजू । बहन ने वीरा आस तुम्हारी, मेल भूल मत जायजो ॥१॥ मात-पितारी पाय पडीजे, भावज ने नमन करोजे, भई रे भतीजा बहन भानजो, सहेलियां ने याद करीजे ॥२॥ वार तिवारी याद करीजो, चुन्दड़ी चीर रंगायजो, अल्लांजो-पल्ला जडिया 30
SR No.006295
Book TitleSwarna Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherPannalal Jamnalal Ramlal
Publication Year
Total Pages214
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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