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________________ ॥ राती जोगा रा गीत ॥ (तजं.--थे मारी सेडल माता सेरी नगरी मोगा तो) रिष्टनेमी भगवान को शासन तूं रखवाली तो, अम्बा माता कृपा दृष्ठि राखजो ए मांय ॥१॥ नेमीश्वर ने पशुव छुडाया तोरण ऊपर जाय ने तो, इन विध साता वरतावजो ए मांय ॥२॥ पार्श्वनाथ भगवान शासन की देवी जानो तो, पद्मावती रक्षा करी भगवान को ए मांय ॥३॥ जलता तो नाग ने नागनी बचाया तो, नवकार को शरणो प्रभु सुनाविया ए मांय ॥४॥ इण शरणा रा उत्तम फल पाया तो, धरणेन्द्र पद्मावती प्रगट हुवा ए मांय ॥५॥ वैरी ने दुष्मन दुख ने दरिद्र, माम लिया सुं दूरा होवे ए माय ॥६॥ पार्श्वनाथ भगवान कमठ हटाया तो, अज्ञानी रो मद सब. गालियो ए माय ॥७॥ आनन्द बरतावजो ने सुख साता देयजो, माम लिया सं विपदा टले ए माय ॥८॥ 164
SR No.006295
Book TitleSwarna Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherPannalal Jamnalal Ramlal
Publication Year
Total Pages214
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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