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________________ गांठ समो संसार, जुगती सुं निभावजोजी ॥ लेयजो कुटम्ब सं यश, सबने निभायजोजी ॥ डोर लो शुभ स्थान थांभ बंधावजोजी ॥ ॥ पेरावणी का गीत ॥ (तर्ज-मारे आंगण जेवंतडी रो रूखो मारा पिऊजी) मारे आंगण जेवंतडी रो रूखो मारा पिऊजी, सज्जन रे जांगण ऐलचीजी ॥ राजकँवर रो माथों तो गुंथायो मारा पिऊजी, सोलह शंगार सजावियाजी ॥ राजकवर सारे कालजिया री कोरो मारा पिऊजी, दूध पाय मोटी करीजी ॥ हस्ति मायला मोटा हस्ति देवो मारा पिऊजी, राजकवर मत देवजोजी ॥ घुडला मांयला आछा घुडला देवो मारा पिऊजी, राजकँवर मत देवजोजी ॥ गोकुल मायली आछी गायां देवो मार पिऊजी, राजकवर मत देवजोजी ॥ गेणा मायला आछा गेणा देवो मारा पिऊजी, राजकँवर मत देवजोजी ॥ कपडा मायला आछा कपडा देवो मारा पिऊजी, राजकवर मत देवजोजी॥हारया-हारया राजा ने राणा मारी मरवण, इण विध अपन हारियाजी ॥ जीत्या-जीत्या सज्जन रो परिवारो मारी मरवण आ ए तो हारिया जी ॥ 153
SR No.006295
Book TitleSwarna Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherPannalal Jamnalal Ramlal
Publication Year
Total Pages214
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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