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॥ पणं का गीत ||
( तर्ज पूँखणियाँ पूखताए लादो ए नवसर हार ) पूँखण चालो सखियां मिलने, बनडो ऊबो द्वार || १ || गुदलक सावा साजणा, कांई करिये न जेज लगार ||२|| बनडो ऊबो वाट है जोवे, वेगी हो तैयार || ३ || चंदडी ओढो नाक में बाली, पहरो नवसर हार ||४|| कुंकु चावल सामग्री सुं, भरो रुपारो थाल ॥५॥ . झिलमिल आरती हाथ में लेवो, जलदी चालो बार ॥ ६ ॥ मूसल हांसली जूडो तीर, पूंखणिया तैयार ॥७॥ पूँखण वाली चतुर स्यानी, बाबासा घर नार ॥ ८॥ तिलक करता चावल चेडत तणिक न लागे वार, समझण नाक मरोडला नाहीं, रीत करे आ गँवार || १०|| पूँखे जतनसुं पदमणी है, नाके छींके हुशियार || ११|| धीरज धर सासुजी लावे, वाने तो श्रीनाथ ॥ १२ ॥
॥ ग्वणं का गीत ||
( तर्ज - तोरण आय दडकिया जी गज कामनियाँ | ) तोरण बीन्दराजा पधारियाजी बधावना, कांई सासुजी देवे उपदेश बनाजी तिलक इम काढेजी बधावना || कुंकु जिम प्रीति राखजो बधावना, कांई चावल जिम उज्जवल भाव राखोजी बधावना | दही
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