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जियो वीरा झीणी-झीणी उडेरे गुलाल,
घोड़े चढ़ आवियाजी वेगा आव ॥६॥ जियो वीरा सोना रो सूरज आज,
लारे भावज लावियाजी वेगा आव ॥७॥ जियो वीरा डेरा हरिया बाग,
दिराया कंथ खंत सुं जी वेगा आव ॥८॥ जियो वोरा जितरी घर री रीत,
माहेरा उतरो मांडजोजी वेगा आव ॥९॥ जियो वीरा लियां दियां राजी ड्रम,
में तो भूखा मोहराजी वेगा आव ॥१०॥ जियो वीरा एकज मारी मांग,
खादी-सादी लावजो जी वेगा आव ॥११॥ जियो वीरा इन अवसर पर आय,
दिपावो मारा विरदनेजी वेगा आव ॥१२॥ जियो वीरा आरी आ आशीश,
अमर मोलयो चून्दडी जी वेगा आव ॥१३॥ जियो वीरा धीरज' धर श्रीनाथ,
बखाण्यो थारो माहेरो जी वेगा आव ॥१४।।
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