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________________ विनय करता सेवा धर्म सिखावोजी राज, जी माने रेशम रा त्याग करायजो जो राज, जी उज्जवल दंति रा बनासा, गाडी त लगायो जी राज ॥५॥ || झाला || (तर्ज - झाला क्ष ला कांई करो जी । ) -- झाला झाला कांई करो जीवो राज बनासा, झाला परणन रात ॥ १ ॥ शुभ मोरत में परणजो जीवी राज बनासा, मनमें गुणो नवकार ||२|| धर्म सरिखो मित्र नहीं ओं राज बनासा, सदा राखो तुम पास ॥ ३॥ बनडी ने दुःख मत देवजो जीओ राज बनासा, मत सिनगार है जीओ बनडी कु मीठी-मीठी बोली लड़जो कोई वार ॥ ४ ॥ राज बनास, तार देवे संसार ॥ ५ ॥ राखजो जी ओ राज बनसा, मीठी देवो जिमाय ||६|| परनारी मत निरखजो जोओ राज बनासा, शोभा होसी संसार ||७|| ॥ पेमो ॥ || विनोदिक गीत || ( तर्ज - अरे पेमा दिवर जिठाणियां ) अरे पेमा दिवर जिठाणियां दिवर जिठाणियां, भेली जो रेसां, भेली जो रेसां, अरे पेमा इम रेसा अरे 124
SR No.006295
Book TitleSwarna Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherPannalal Jamnalal Ramlal
Publication Year
Total Pages214
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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