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(५५) तिहां क्योंनी रह्या, नीम कहे न मिल्यो नृप दर बार तो ॥ अरिजय चिंते ए खोडलो, कहे मुजने अब्बी नही दरकार तो ॥ सुण उदास हूया नी मजी, अाया मोदी दुकान मकार तो॥ जो० ॥ ॥ १३९ ॥ मोदी उदासमें देखने, पुछण लागा तिणने समाचार तो॥ नीम कहे राख्यो नही, कि स्यो जोयो म्हारो कर्म प्रकार तो ॥ मोदी कहे फि कर तजो, छे मास ओर रहो धीर धार तो ॥राय जमाइ निकलसी, चहाय धणी रखसे धर प्यार तो॥ जो० ॥ १४० ॥ नीमजी रह्या फिरही तिहां, छे मास वीती गया तिणवार तो ॥ जमाइजी तब निकल्या, नीमजी जाइ कियो नमस्कार तो॥
आया क्याथी ? दितीप्रतिष्टथी, दिन कित्ता हूया ? थया मास बार तो॥ राजाने मिल्या? हां मिल्यो, किम न राख्या ? जाणू हूं न लगार तो