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________________ . सांकेतिक चिहोनी ओलखाण. (०) आ निशानीवाळा गामोमा सामैयानी घणीज धामधूम; मांडवा तथा दरवाजानी रचना; ध्वजा-पताका अने बजार शणगारवी विगेरे थऐल समजवं. (००) आ निशानीवाळा गामोमां सामैयानी मध्यम धामधूम; ध्वजा-पताका भने .. दरवाजानी रचना विगेरे थएल समन. (०००) आ निशानीवाळा गामोमां सामैयानी ध्वजा-पताकादिथी रहित मध्यम धामधूम थऐल समजवी. नोट-आ निशानीओथी बाह्य धामधूमर्नु माप जाणी शकाय छे परंतु आंतरिक भक्ति उत्साहनुं माप जाणी शकाय नहिं. घणा गामोमां बाह्य आडंबर थोडो पण आंतरिक उत्साह घणो देखातो हतो अने केटलाक गामोमां राज्य विगेरेना शोकादि कारणोथी बाह्य धामधूम थइ नहोती. - (-) आ निशानीवाळा गामोमां पूज्य गुरुमहाराजश्रीए एक जाहेर भाषण आपलं समजवु. (=) आ निशानीवाळा गामोमां पूज्यपाद गुरुमहाराजश्रीए अनेक जाहेर भाषणो आपेला समजवां. नोट-जे गाममां उतरवाना स्थानथी अन्य स्थानमा जइ, उभा थइने, भाषणनी पद्धति प्रमाणे भाषणो आपेलां तेना ऊपरज निशानी करेली छे. बाकी मंगलाचरण, व्याख्यान, उपदेशादि तो थयाज करे, तेनी गणत्री थइ शके नहीं. (*) आ निशानीवाळा गामोमां अमे गया नथी, अथवा रोकाया नथी. (इ) कोइ गाम जवाना बे रस्ता आप्या छे तेमांथी एक रस्ता ऊपर आवी निशानी ___ आपी छे, अने मूल रस्ताने छोडीने खास फरवा माटे गया हशुं तेवां गामो ऊपर पण यथासाध्य आवी निशानी आपेली छे.
SR No.006292
Book TitleVihar Varnan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayantvijay
PublisherYashovijay Jain Granthmala
Publication Year1926
Total Pages158
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size11 MB
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