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समजुती.
१ विहार-वर्णनना चार खंड पाडवामां आवेला छे तेमां पहेला खंडमां खास में मारा
अनुभवथी विहारनी यादी लखेली ते दाखल करी छे, बीना खंडमां अन्य मुनिराजोनी बुको ऊपरथी मळेली यादी दाखल करी छे, त्रीजा खंडमां प्रथमना बने खंडना गामोनी विशेष हकीकत माटे चोटो आपेली छे अने चोथा खंडमां आ बुकमा आवेल जैनतीर्थो, मोटां मोटां गामोनुं अन्तर अने पाकी सडको विगेरे
आपेल छे. २ विहार-वर्णनमा जे माइलनी संख्या अने मा० नं० आपेला छे, ते मुंबइ पछीना विहारमा एक गाममां अमारा उतरवाना स्थानथी बीजा गाममा ठेठ उतरवाना
स्थान सुधीना लखेला छे. ३ श्रावकनां घरना खानामां खास जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक श्रावकोनीज संख्या आपेली
छे. बीना फीरकानी संख्या जाणवामां आवी ते विशेष हकीकतमा अने नोटोमां आपेली छे. श्रावकना घग्नी संख्या जो के चोकसाइ माटे बनती काळजी राखी छे छतां आशरे ( लोकोने पूछीने ) लखेली छे, तेथी तेमां वधारे ओछी होवानो संभव होइ शके. ४ देरासरना खानामां मुख्य अने पंचायती देरासरोनी संख्या लखेली छे, अने ते
संख्या चोक्कासन हशे. घरदेरासरोनी संख्या भेगी गणेली नथी. ५ उपाश्रयना खानामां साधु-मुनिराजोने उतरवा योग्य स्थान ( पछी तेने उपाश्रय,
धर्मशाला, ज्ञानशाला के जिनशाला, गमे ते कहेता होय ) नीज संख्या लखी छे ते सिवाय नानी धर्मशालाओ के नाना उपाश्रयोनी संख्या तेमां आपी नथी. ६ वि. ह. ना खानामां ज्यां उपाश्रय न होय त्यांनुं उतरवानुं स्थान, आ. गृ. नां
नामो विगेरे जे जे विशेष हकीकत जाणवामां आवी ते आपी छे. ७ जे खानामां (-) आवी निशानी आपी छे ते खानानी अथवा ते गामनी हकीकत
पहेलां आवी गइ छे, तेम समनी बीजे ठेकाणे ज्यां ते गामनुं नाम होय त्यां
जोइ लेवी. ८ जे. खानां खाली राखवामां आवेल छे, तेनी हकीकत. मारा जाणवामां आवी नथी,
अथवा निश्चय थइ शक्यो नथी, तेथी लखी नथी तेम समजवु.