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जैन सभा अने जैन कन्याशाला, श्रीशांतिनाथजीना देरासरमां जैन पाठशाला, श्रीआदीश्वर भगवान्नी धर्मशालामां जैन पाठशाला, शेठ देवचंद लालभाई जैन पुस्तकोद्धारफंड ओफीस, आगमोंदय समिति ओफीस, जैन एज्युकेशन बोर्ड, जैन वोलंटीयरकोर, जैन युवकमंडल, जैन सेनेटरी एसोसीएशन, मुंबइ जैन ओसवाळ सोसायटी, श्रीवीरतत्त्वप्रकाशक मंडल एडवाइझरी बोर्ड, बनारस जैन पाठशाला ओफीस, पालीताणा जैन गुरुकुल ओफीस, पालीताणा जैन बालाश्रम ओफीस, विगेरे विगेरे अनेक धार्मिक संस्थाओ, तेनी ओफीसो, देश, गाम अने कोमोनां हितकारी मंडळो अने तेने अंगे चालतां धार्मिक खातांओ बहु छे. मुंबई शहेर खास जैनपुरी कहेवाय, तेनी चोक्कस डीरेक्टरी कर्या विना संपूर्ण वर्णन लखी शकाय नहीं तेथी जेटली जाणवामां आवी तेटली मुख्य मुख्य बाबतो जणावी छे. प्रथम खंडमां मुंबई शहेरना मुख्य चार लताओनुं वर्णन जुदुं आप्युं छे ते सिवा - यना बधा लताओनी श्रावकनी वस्ती विगेरे हकीकतनो समावेश पायधुनीना वर्णनमां कर्यो छे. एकंदर आखा मुंबई शहेर ( परांओ सहित ) मां जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक मनुष्योनी संख्या (कच्छी सहित) चालीशथी पचास हजारनी लोको कहे छे, परंतु श्रीयुत नरोतमदास भगवानदास. शाह बी. ए. ये लखेल अने छपावेल सन १९२१ नी " मुंबई इलाकानी जैनोनी वस्ती विषयक दशा ” नामनी बुकमां मुंबई शहेर अने आसपासनां बधां परांओनी मळीने जैन वे० मूर्तिपूजक, स्थानकवासी अने दिगंबर मळीन कुल जैन वस्ती २५८७३ नी जणावी छे. लोकोनी धारणा फक्त जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजकनीज वस्ती ४० थी ५० हजारनी होय तेम छे त्यारे ऊपरनी बुकमां त्रणे फीरकानी मळीने २५८७३ नी संख्या जणावी छे.
८० मुंबई - कोटमां श्रीशांतिनाथजी भगवान् तथा श्रीमहावीरस्वामीनुं देरासर मनोहर छे. पासेना एकज माळामां उपाश्रय, व्याख्यानशाळा, श्राविकानो उपाश्रय, पुस्तकालय अने जैनपाठशाला छे. कोटमां काठीयावाडी छापरीया जैनोनी वस्ती वधारे छे.
८१ मुंबई - वालकेश्वर मां बाबु अमीचंदजी पन्नालालजीना देरासर पासेना उपाश्रयमां उतर्या. बीजीवार सुरती श्राविका चन्दनबाइना देरासर पासेना बंगलामां उतर्या हता. वालकेश्वरमा मोटा मोटा गृहस्थोनाज बंगला छे.
८२ मुंबई - मांडवी बंदर ऊपर कच्छी विशाओसवाळोनुं अने कच्छी दशाओ सवालों एम ने मोटां देरासरो छे तेनी साथे मोटा उपाश्रयो पण छे अने ते बन्ने ज्ञाति