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________________ (६८) रथी भायसाला तरफ मतां लगभम १ माइल पछी परेल जवानो रस्तो जुदो पडे छे, परेलमां मारवाडी श्रावकोनी १५-२० दुकानो छे, तथा एल्फीनस्टन रोड ऊपर शेठ गोकलमाई मूलचंद जैन होस्टलनुं भव्य मकान छे, तेमां ल० ४० विद्यार्थीओ रहे छे अने कोलेजमा भणवा जाय छे, ते होस्टेलमा घरदेरासर राखेखें छे. दादरथी भायखाला तरफ आगळ चालतां रस्तामां चींचपोखली आवे छे त्यां जैनोनी सस्ता भाडानी चालीओ पाछलथी थइ छे त्यां जैनोनां ४००-५०० घर रहेवा आव्यां छे. ७८ भायखालामा मोतीशा शेठनु बंधावेलु मोटुं देरासर छे ते कंपाउंडमांज मोटी व्या ख्यानमाला, मोटो उपाश्रय, मंदिरनी पछवाडे रायण नीचे पगलांनी देरी, दादाजीना पगलांनी देरीओ, धर्मशाला, मोटो बाग तथा बंगलो छे. देरासरनी पछवाडे देरासरनी विशाल अग्यामां खेती थती हती ते जग्यानो हालमां सरकारे कबजो लइ लीधो छे, ते पाछो मेळववा माटे तकरार चाले छे. आ देरासरमां कातकी तथा चैत्री पुनमे शत्रुजयनो पट बंधाय छे त्यारे मोटो मेळो जामे छे अने दर सोमवारे आखा मुंबइ शहेरमाथी घणाज लोको अहिं दर्शन करवा आवे छे. पासेज शेठ कीकाभाई प्रेमचंद रायचंदनो बंगलो छे तेमां पण थोडा दिवस रह्या हता. ७९ भायखालाथी ल. १॥ माइले मुंबइ शहेरना खास मध्य भागमां पायधुनी ऊपर आवेला श्रीगोडीपार्श्वनाथजीना देरासरनी पछवाडेना विशाल उपाश्रयमां उता. गोडीपार्श्वनाथजीन देरासर बहु भव्य तथा मुंबइ शहेरमा मोटुं गणाय छे, ते देरासरनी पछवाडे मोटो उपाश्रय, व्याख्यानशाला, जैन पाठशाला, जैन कन्याशाला अने श्राविकानो उपाश्रय छे देरासरनी नीचे पेढी तथा यतिनो उपाश्रय छे. गोडीजीनो उपाश्रय, लालबागनो उपाश्रय अने पायधुनीना चोकमां आवेल श्रीआदीश्वर भगवान्नी धर्मशाला, आ पण मुख्य अने मोटा उपाश्रयो छे. आ सिवाय प्रायः मुख्य मुख्य देरासरोमा एक एक नानो उपाश्रय होय छे. प्रथम खंडमां मुंबई शहेर अने लताओनं वर्णन आप्युं छे तेमा मुख्य मुख्य देरासरो अने उपाश्रयो मणाव्या छे, ते सिवाय बीजा नाना उपाश्रयो अने घरदेरासरो पण छे. जैन श्वेतांबर यात्रालुभोने उतरवा माटे लालबागमां धर्मशाला सारी छे. गोवालीया टेंक ऊपर श्रीमहावीर जैन विद्यालय, शेठ गोकुलभाइ मूलचंद जैन होस्टेल, श्रीमोहनलालजी जैन सेंट्रल लायब्रेरी अने संस्कृत पाठशाला, बाबु पन्नालाल पुनमचंद जैन हाइस्कूल अने होस्पीटाल, जैन श्वेतांबर कोन्फरन्स ओफीस, जैन एसोशीएशन ओफ इंडीया, मांगरोल
SR No.006292
Book TitleVihar Varnan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayantvijay
PublisherYashovijay Jain Granthmala
Publication Year1926
Total Pages158
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size11 MB
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