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थइ आरो उतरी मीटली थइ पानड अथवा आखोल आवी शकाय. ते रस्ते
श्रावकोनां घर आवे छे पण ते रस्तो लांबो छे. ४७ पानडमां खोडीयार देवीना मकानमा उता. कपोळ विगेरे वाणीयानां ४ घर छे
आहार पाणी मले छे. ४८ नवि आखोलमां स्वामिनारायणना मंदिरमा उतर्या. श्राविका बहु भक्तिवाली छे.
आहार पाणी मली शके छे. ४९ खंभात घणुं प्राचीन शहेर होवाथी तीर्थ गणाय छे. गाम सारुं छे नवाबनु राज्य छे.
स्तंभन पार्श्वनाथनीनुं देरासर विगेरे घणां तीर्थभूत. देरासरो छे. मोटां देरासरो ५९ अने घरदेरासरो १५ छे. नाना मोटा उपाश्रयो तथा धर्मशालाओ घणी छे. तेमां जैनशाला तथा अंबालाल पानाचंदनी धर्मशाला मुख्य छे. लायब्रेरी, पाठशाला, कन्याशाला, स्त्रीउद्योगशाला, शेठ नगीनदास करमचंद हस्तकनो ताडपत्रनो प्राचीन पुस्तकभंडार, शेठ पोपटभाइ अमरचंद हस्तकनो संघनो भंडार, बीजा भंडारो
विगेरे संस्थाओ छे. ५० धुवारणमां स्कूलमा उतर्या. अहिंथी कात्री सिद्धा जq होय तो महीसागर उतरवा
माटे ल० सात माइल नावमां बेसीने कावी जवाय छे. कावीना आराथी धर्मशाला एक माइल दूर छे. अथवा धुवारणथी नावमां बेसी आरो उतरी सामे कांठे सारोद
गाममां जq, त्यां श्रावकनां बे घर छे त्यांथी कावी सात माइल थाय छे. ५१ कावी श्रीआदीश्वर भगवान्नुं प्राचीन तीर्थ छे. बन्ने देरासरो विशाल अने बहु
मजबुत छे. धर्मशाला छे यात्रालुओने सगवड छे. खंभातथीज नावमां बेसीने कावी आववामां भय जेवं छे; कारण के समुद्रमां नदीनो संगम थाय छे त्यां थइने
आववानुं होवाथी चक्रावामां पडवानो भय रहे छे. ५२ भरुच प्राचीन शहेर होवाथी तीर्थ गणाय छे. श्रीमुनिसुव्रतस्वामिनुं तीर्थ छे. शहर
मोटें अने गवर्नमेंट राज्य छे. मुख्य नव देरासरो अने बीजां बे घरदेरासरो छे. धर्मशाला, पुस्तकालय विगेरे छे. शेठ अनुपचंद मलुकचंदनुं घरदेरासर रमणीय छे. पांजरापोळ मोटी छे, तेमां शत्रुजय-गिरनारनो पट तथा दादाजीनां अने श्रीमान्
हीरविजयजी सूरीश्वरज़ीनां पगलांनी देरीओ ४ छे. ५३ झघडीया श्रीआदीश्वर भगवान्नुं तीर्थ छे. देरासर भव्य छे. धर्मशाला बन्ने सारी छे,
यात्रालुओने सगवड छे. पुस्तकालय छे.