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। (२) . :३९ हडमतीयामां बीजं एक जैनशाला मकान छे. स्थानकवासीनां घर ६ तथा स्थानक छे. ४० धुवावमां धर्मशाला छे. यात्रालुओने सगवड छे. स्थानकवासीनां घर तथा स्थानक छे.
स्थानकमां उतर्या हता. ४१. जामनगर, काठीयावाडमा पहेला वर्गनुं राज्य छे. शहेर मोटुं छे. अहिंना मुख्य
देरासरो घणां मोटां अने सिद्धाचलनी टुंक जेवां छे तेथी जामनगर तीर्थमां गणाय छे. यात्रा करवा लायक छे. देरासरो नव मोटां छे तथा त्रण परदेरासरो छे. त्रण गच्छना चार उपाश्रयो मोटा छे. ते सिवाय नाना उपाश्रयो २, वंडा ४, ओसवाल जैन युनियन फ्री लायब्रेरी विगेरे छे.. विशाश्रीमालीनी धर्मशाला मोटी हती ते दरबारे पडावी नांखी छे. पाछलथी ते जग्या दरबारे तेमने वेचाण आपवाथी त्यां पाछी मोटी धर्मशाला थइ छे. श्रावकोनी आटली वस्ती होवा छतां एक सारी जैन पाठशाला पण नथी तो बीजी उपयोगी संस्थानी तो वातन शी ? हालमां
जैन विद्यार्थी भुवन स्थापन थयुं छे. ४२ कराणामां दरबारी उतारामां उतर्या. सोरठीया विगेरे वाणीयानां २-३ घर छे. ___ अहिंथी मोटी मारड थइने धोराजी सुधीनी पाकी सडक छे. ४३ मोरबी, काठीयावाडमा पहेला वर्गनुं राज्य छे. शहेर सारुं छे. गाममां बळद तथा
पाडानी ट्राम चाले छे. उपाश्रय, व्याख्यानशाला, जनशाला, श्राविकानो उपाश्रय, धर्मशाला, पुस्तकमंडार तथा पुस्तकालय विगेरे छे. एकज कंपाउंडमां बन्ने देरासरो छे. तेमां एक देरासरमां ऊपर नीचे थइने पांच गंमारा छे. स्थानकवा
सीनी वस्ती घणी वधारे छे. बन्ने फीरकामां संप सारो छे. ४४ वांकानेर ए काठीयावाडमां बीजा नंबरनुं राज्य छे. गाम सारुं छे. जैन पुस्तकालय
छे. अहिंनी जैन संगीत मंडली वखणाय छे. अहिंथी राजकोट लग० २४ माइल
थाय छे. पाकी सडक छे. ४५ धोलेरा गाम प्राचीन छे. मोटें देरासर, उपाश्रय, श्राविकानो उपाश्रय, धर्मशाला,
पाठशाला अने पुस्तकभंडार विगेरे एकज कंपाउंडमां अत्यंत विशाल जग्यामां छे. ४६ तरकपुरमा खेडुतना घरमा उता. कामातलाव अने तरकपुर वच्चे साबरमती नदीनो
तरकपुरनो आरो उतरवो पडे छे. आरो उतर्या पछी ल० एक माइले तरकपुर गाम आवे छे. अहिं खेडुत तळपदा कोळीओनांज घर छे. तरकपुरनो आरो विकट नथी, छठथी अग्यारस सुधी आरो उतरी शकाय छे. अथवा धोलेराथी आंबळी-पींपळी