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________________ भगवान पार्श्वनाथ के प्रगट प्रभावक, असीम आस्थारूप, श्री उवसग्गहरं स्तोत्र की पावन अनुभूति करानेवाला, पोजीटीव एनर्जी के पावरहाउस समान, दिव्य और नव्य पावनता का प्रतीक - पारसधाम (OB * महानगरी मुंबई के हृदय समान घाटकोपर में पूज्य गुरुदेव श्री नम्रमुनि म.सा. प्रेरित ज्ञान, ध्यान और साधना का एक अनोखा आधुनिक तकनीकी द्वारा तैयार किया गया धाम.. पारसधाम..! पारसधाम... एक ऐसा धाम, जहाँ परमात्मा पार्श्वनाथ के दिव्य परमाणु और पूज्य गुरुदेव की अखंड साधना शक्ति के अध्यात्मिक Vibrations प्रतिपल प्रेरणा के साथ परम आनंद और परम शांति की अनुभूति कराता है। की यहाँ मानवता की सपाटी से अध्यात्म के मोती तक की गहराई मिलती है। • यहाँ है महाप्रभावक श्री उवसग्गहरं स्तोत्र की प्रभावक सिद्धीपीठिका जोमनवांछित फल देती है..! के यहाँ है ऐसी कक्षाएं जहाँ Look n Learn के बच्चे अध्यात्म ज्ञान प्राप्त करते हैं। ॐ यहाँ है अध्यात्म ध्यान साधना की शक्ति का प्रतीकरूप पीरामीड साधना केन्द्र। यहाँ है शांतिपूर्ण विशाल प्रवचन कक्ष जहाँ संतो के एक एक शब्द अंतर को स्पर्श करते हैं। यहाँ है स्पीरीच्युअल शोप जहाँ उपलब्ध है अध्यात्म ज्ञान, साधना और प्रवचन आदि की पुस्तकें और C.D.,V.C.D. * यहाँ है एक अति आकर्षक आर्ट गैलेरी जहाँ आगम के रंगीन चित्रों की प्रदर्शनी आपके दर्शन को शुद्ध कर देगी। महाप्रभावक श्री उवसग्गहरं पार्श्वनाथ परमात्मा की स्तुति के अखंड आराधक पज्य गरुदेव श्री नम्रमनि म.सा. की साधना के तरंगो से समृद्ध पारसधाम अध्यात्म की आत्मिक अनुभूति करानेवाला आधुनिक धाम है जो जैन समाज की उन्नति और प्रगति के लिए एक अनोखी मिसाल है। यहाँ के नीति और नियम भी अपने आपमें विशेष महत्त्व रखते हैं । यहाँ आनेवाली व्यक्ति को गुरुदर्शन और गुरुवाणी के लिए प्रथम 10 मिनिट ध्यान कक्ष में ध्यान साधना करके अपने मन और विचारों को शांत करना जरूरी है। तभी गुरुवाणी अंतरमे उतरेगी...! मौन, शांति और अनुशासन यहाँकेमुख्य नियम हैं । यहाँ आनेवाले भक्तोंका अनुशासन ही उनकी अलग पहचान है। पारस के धाम में पारस बनने के लिए आईए पारसधाम..! ASDHAM PARASD HAM Vallabh Baug Lane, Tilak Road, Ghatkopar (E), Mumbai - 400 077. Tel : 32043232.
SR No.006284
Book TitleAarya Sthulbhadra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Education Board
PublisherJain Education Board
Publication Year
Total Pages38
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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