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३७
२२७ ७,५१, २१८
१६५
९१ २८७ २०४ १९०
२९३
२६०
१११
३८ पूज नै नमै रे सोभो गुण करै '३९ पूज मोटा भांगै टोटा ४० प्रभवो मन में चिंतवै
(सीता सती सुत जनमीया) ४१ बाजोट पर नहीं बेसणो मुनि पग ऊपर पग मेल ४२ भगवंत भाख्या रे श्रावक एहवा ४३ भरत नरिंद तिणवार ४४ भवियण! नमो अरिहंताणं ४५ भावै भावना ४६ मारग वहै रे उतावळी ४७ मीठो छै पुन संसार में ४८ राजनगर भणतां थकां रे
(जोगीड़ो कपट करै छै रे) ४९ राजा दशरथ दीपतो रे
(इस सतगुरु जीवां नै समझावै) ५० राजा राघव राया रो राय कहायो
(हो राजन! श्रेणिक वन संचरियो) ५१ राणी भाखै सुण रे सूड़ा! ५२ राणी भाखै हे दासी! सांभळ बात ५३ राम को सुजस घणो
(यदुपति जीत्यो रे) . ५४ राम पूछ सुग्रीव नै रे
(कांसी जळ नहीं भेदे) ५५ रिठनेम स्वामी तू जगन्नाथ अन्तर्यामी
(व्रजवासी लाला कान तै मेरी गागर कांयमारी) ५६ जीवा? मोह अनुकम्पा न आणीये ५७ वीर सुणो मोरी विनती ५८ समता रस विरला
२००
२०२
५.१९७
३०१
५६
३२८
भिक्खु जश रसायण