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________________ वर्ण्यम् : मुनि भिक्षु बगडी नगर में वि० सं० १८१७ चैत्र शुक्ला ९ को स्थानकवासी संघ से पृथक हो गए। उनकी क्रान्ति में साथ देने वाले विभिन्न गच्छों के १३ मुनि थे। इनमें मुनि थिरपालजी आदि पांच मुनि आचार्य रघुनाथजी के गच्छ के, छह मुनि जयमलजी के गच्छ के तथा दो मुनि अन्य गच्छ के थे । मुनि भिक्षु आदि पांच संत अंधेरी ओरी (केलवा) में चातुर्मास हेतु स्थित हुए और शेष मुनियों को भिन्न-भिन्न नगरों में चातुर्मास हेतु भेज दिया। सभी ने वि० सं० १८१७ आषाढी पूर्णिमा को नई दीक्षा ग्रहण की। यह क्रान्ति का प्रथम दिन था। केलवा में उनका प्रथम चातुर्मास हुआ। उस समय उनके साथ ये चार मुनि थे-मुनि टोकरजी, मुनि हरनाथजी, मनि भारिमलजी, मुनि वीरभाणजी।
SR No.006278
Book TitleBhikshu Mahakavyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmalmuni, Nagrajmuni, Dulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1997
Total Pages350
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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