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97.
98.
272
अन्योन्यं पश्चिमयोरावृत्या पादगौर्भवेत्पुच्छः । रुट्ट काव्यालंकार 3/10 का पूर्वार्ध । पादं द्विधा व त्रिधा विभज्य तत्रैकदेशज कुर्यात् ।
रुद्रटकृत काव्यालङ्कार 3/20 साहित्य दर्पण 10/12
जयोदय 7/73/363 एवं 1/61/35
99.
100.
101.
102.
103. दयोदय 1/11/5 104. जयोदय, 6/26/281
श्री समुद्रदत्त चरित्र 6/10/64 सुदर्शनोदय 4/4/63
105. वीरोदय 10/2/153
106. सुदर्शनोदय, 219127 107.
दयोदय, 7/19/139
108.
श्रीसमुद्रदत्त चरित्र 6/20/68
109.
सम्यक्त्वसार शतकम् पद्य 7/18 पृष्ठ जयोदय 24/60/280
110,
111. सुदर्शनोदय 2/5-6/25-26 जयोदय 24/60/280
112.
113.
वीरोदय 4/5 एवं 6/13 114. सुदर्शनोदय, 1/9/4
115.
श्रीसमुद्रदत्त चरित्र 7/2/76 116. दयोदय चम्पू 7/29-30/145
सम्यक्त्वसारशतकम् पद्य 1/1
117.
118: जयोदय, 4/19/198
119.
कुवलयानन्द 32 अप्पयदीक्षित चौखम्बा प्रकाशन, वाराणसी, द्वितीय संस्करण, 1963
जयोदय 14/10/711
वीरोदय, 3/11
120.
121.
122. सुदर्शनोदय 3/31/54
123.
श्रीसमुद्रदत्त चरित्र, 9/16/114 दयोदय चम्पू, 7/34/146
124.
125. जयोदय, 5/80/254
126.
काव्यप्रकाश 10/196/364 127. जयोदय, 3/47/156 128. वीरोदय, 21/10/328
129.
श्रीसमुद्रदत्त चरित्र, 6/32/71
130.
काव्य प्रकाश, 10/166/395 जयोदय, 1/41/25
131.
132.
सुदर्शनोदय 1/23/10
133. दयोदय चम्पू 4/14/81