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________________ 49. 50 51. 52. 53. 54. 55. 56. 57. 58. 59. 60. 61. 62. 63. 64. 65. 66. 67. 68. 69. 70. 71. 72. 73. 74. 75. 76. 77. 78. 191 10, पृष्ठ 9 18, पृष्ठ 19 43, पृष्ठ 49 वचनदूतम् पूर्वार्ध, पद्य सं. वचनदूतम् पूर्वार्ध, पद्य सं. वचनदूतम् पूर्वार्ध पद्य सं. वचनदूतम् पूर्वार्ध पद्य सं. 50, पृष्ठ 56 वचनदूतम् पूर्वार्ध पद्य सं. 56, पृष्ठ 63 वचनदूतम् पूर्वार्ध पद्य सं. 59, पृष्ठ 66 वचनदूतम् उत्तरार्द्ध - पं. मूलचन्द्र शास्त्री, प्रकाशक मंत्री प्रबन्धकारिणी कमेटी, दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी महावीर भवन, सवाई मानसिंह हाईवे, जयपुर - 3 वचनदूतम् उत्तरार्द्ध, पद्य 7, पृष्ठ 15 वचनदूतम् उत्तरार्द्ध पद्य 11, पृष्ठ 16 वचनदूतम् उत्तरार्द्ध, पद्य 14, पृष्ठ 19 वचनदूतम् उत्तरार्द्ध, पद्य 23, पृष्ठ 31 वचनदूतम् उत्तरार्द्ध, पद्य 34, पृष्ठ 43 वचनदूतम् उत्तरार्द्ध, पद्य 53, पृष्ठ 67 वचनदूतम् उत्तरार्द्ध, पद्य 76, पृष्ठ 89 जैन विद्या संस्थान श्री महावीरजी द्वारा प्रकाशित, प्रकाशन वर्ष, ईसवी 1987, पृष्ठ 1 संख्या - 222, मूल्य 25/ प्रस्तुत ग्रन्थ की प्रस्तावना : पृष्ठ 9-10 विद्वत् अभिनन्दन ग्रन्थ : अखिल भा. दि. जैन शास्त्रि-परिषद्, प्रकाशन, पृष्ठ 157. वर्धमान चम्पू : वार्धक्य महिमाः, श्लोक - 2 वर्धमान चम्पूः हेतु- प्रदर्शन श्लोक 3-4 श्री आचार्य ज्ञानसागर संस्तुति रचियता- पं. मूलचन्द्र शास्त्री ( श्री महावीर जी राजस्थान) प्र. विद्यासागर पत्रिका, जून 1985, जबलपुर । 10 आ. ज्ञानसागर संस्तुति पद्य संख्या आचार्य श्री शिवसागर जी महाराज स्मृति ग्रन्थ, प्रकाशक- श्रीमती सौ. भंवरी देवी पांड्या, सुजानगढ़ (राजस्थान), प्रथम संस्करण, वीर नि.सं. 2499 | पृष्ठ 40-41 सरस्वतीवन्दनाष्टकम् - पद्य 1-3, पृष्ठ 3 सरस्वतीवन्दनाष्टकम् पद्य 2 सरस्वतीवन्दनाष्टकम् पद्य 4 श्री गणेश दिगम्बर जैन संस्कृत महाविद्यालय, वर्णी भवन, मोराजी लक्ष्मीपुरा सागर (म.प्र.) से प्राप्त, प्रथम 9 पद्यों का सारांश । सूर्यास्वैर्यदि म सजस्ततः सगुरवः शार्दूल विक्रीडितम् । छन्दो मञ्जरी पृष्ठ 111, द्वितीय स्तबक । श्री गणेश दिग. जैन संस्कृत महाविद्यालय, सागर से प्राप्त स्फुट रचना | पं. दयाचंद्र साहित्याचार्य, प्राचार्य श्री गणेश दिग. जैन संस्कृत महाविद्यालय, सागर (म.प्र.) से प्राप्त स्फुट रचना । जिनोपदेश, पं. श्री जवाहरलाल जैन शास्त्री, प्रकाशक- चावण्ड (उदयपुर), राजस्थान, वी. नि.सं.- 2508
SR No.006275
Book Title20 Vi Shatabdi Ke Jain Manishiyo Ka Yogdan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarendrasinh Rajput
PublisherGyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar
Publication Year
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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