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199. कषायमुक्ति किल मुक्तिरेव (229161), सागर जैन विद्या भारती, भाग-4
(001687) 200. स्वाध्याय की मणियाँ (229162), सागर जैन विद्या भारती, भाग-4 (001687) 201. हरिभद्र कृत श्रावक धर्म विधि प्रकरण (229163), सागर जैन विद्या भारती,
भाग-4 (001687) 202. अपभ्रंश में महाकवि स्वयम्भू (229164), सागर जैन विद्या भारती, भाग-4
(001687) 203. जैन परम्परा में काशी (229165), सागर जैन विद्या भारती, भाग-4 (001687) 204. पुण्य की उपादेयता का प्रश्न (229166 ), सागर जैन विद्या भारती, भाग-4
(001687) 205. अर्द्धमागधी आगम साहित्य : कुछ सत्य और तथ्य (229167), सागर जैन
विद्या भारती, भाग-5 (001688) 206. प्राकृतविद्या में प्रो. टाटियाजी के नाम से प्रकाशित उनके व्याख्यान की समीक्षा
(229169), सागर जैन विद्या भारती, भाग-5 (001688) 207. अशोक के अभिलेखों की भाषा मागधी या शौरसेनी (229170), सागर जैन
विद्या भारती, भाग-5 (001688) 208. क्या ब्राही लिपि में न और ण के लिये एक ही आकृति थी (229171), सागर
जैन विद्या भारती, भाग-5 (001688) 209. भारतीय दार्शनिक चिन्तन में निहित अनेकान्त (229172), सागर जैन विद्या
भारती, भाग-5 (001688) 210. जैनदर्शन की द्रव्य, गुण एवं पर्याय की अवधारणा (229173), सागर जैन
विद्या भारती, भाग-5 (001688) 211. प्रवचनसारोद्धार : एक अध्ययन (229174), सागर जैन विद्या भारती, भाग-5
(001688) 212. भारतीय संस्कृति के दो प्रमुख महाघटकों का सम्बन्ध (229175), सागर जैन
विद्या भारती, भाग-6 (001689) 213. महावीर का श्रावक वर्ग अब और तब (229176), सागर जैन विद्या भारती,
भाग-6 (001689) 214. महावीर जन्मस्थल (229177), सागर जैन विद्या भारती, भाग-6(001689) 215. महावीर का केवलज्ञान स्थल (229178), सागर जैन विद्या भारती, भाग-6
(001689) 216. महावीर की निर्वाणभूमि पावा (229179), सागर जैन विद्या भारती, भाग-6
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जैन दर्शन में तत्त्व और ज्ञान