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परिवर्तनशीलता : प्रगति या प्रतिगति
आज परिवर्तनशीलता को प्रगति का लक्षण माना जाने लगा है, किन्तु क्या परिवर्तनशीलता प्रगति की परिचायक है ? इस प्रश्न का उत्तर भी एकान्त रूप से नहीं दिया जा सकता है । परिवर्तनशीलता प्रगति भी हो सकती है और प्रतिगति भी । पुनः कोई मूल्य-परिवर्तन एक दृष्टि से प्रगति कहा जा सकता है, वहीं दूसरी दृष्टि से प्रतिगति भी कहा जा सकता है। वर्तमान युग के जीवन-मूल्य एक दृष्टि से प्रगतिशील हो सकते हैं तो दूसरी दृष्टि से प्रतिगति के परिचायक भी कहे जा सकते हैं। आज मनुष्य का ज्ञान बढ़ा है, समृद्धि बढ़ी है, उसकी प्रकृति पर शासन बढ़ा है । इसे क्या कहें प्रगति या प्रतिगति ? आज नारी स्वातन्त्र्य को, स्वच्छन्द यौन सम्बन्धों की प्रगति कहा जाता है, किन्तु पाण्डु-कुंती सम्वाद में जो नारी स्वातन्त्र्य का चित्र है, उसकी अपेक्षा से तो आज का यूरोप भी पिछड़ा हुआ ही कहा जावेगा । पाण्डु कहते हैं -
अनावृताः किल पुरास्त्रिय आसन वरानने । कामाचारविहारिण्यः स्वतन्त्राश्चारू हासिनि । । तासां व्युच्चरमाणानां कौमारात् सुभगे पतीन । नाधर्मोऽभूद्वरारोहे स हि धर्मः पुराभवत् । । 10
'पूर्व काल में स्त्रियाँ अनावृत थीं, वे भोग-विलास के लिए स्वतन्त्र होकर घूमा करती थीं, वे कौमार्य अवस्था में काम-सेवन करती थी, वह उनके लिए अधर्म नहीं था।' आज समाज में इन्हीं मूल्यों की पुनः स्थापना करके हम प्रगति करेंगे या प्रतिगति, यह तो स्वयं हमारे विचारने की वस्तु है । केवल प्रचलित एवं परम्परागत मूल्यों का निषेध नैतिक प्रगति का लक्षण नहीं है । आज हमें मानवीय विवेक के आलोक में सर्वप्रथम मूल्यों का पुर्नमूल्यांकन करना होगा । हमारी नैतिक प्रगति का अर्थ होगा - उन मूल्यों की संस्थापना, जो विवेकशीलता की आँखों में मानवीय गुणों के विकास और मानवीय कल्याण के लिए सहायक हों, जिनके द्वारा मनुष्य की मनुष्यता जीवित रह सके। आज मनुष्य चाहे भौतिक दृष्टि से प्रगति की राह पर अग्रसर हो, किन्तु नैतिक दृष्टि से वह प्रगति कर रहा है यह कहना कठिन ही है । एक उर्दू शायर ने कहा है
तालीम का शोर इतना, तहजीब का गुल इतना,
फिर भी न तरक्की है, नीयत की खराबी है ।
बौद्धिक विकास से प्राप्त विशाल ज्ञान राशि, वैज्ञानिक तकनीक से प्राप्त भौतिक सुख-सुविधा एवं आर्थिक समृद्धि मनुष्य की आध्यात्मिक, मानसिक एवं सामाजिक विपन्नता को दूर नहीं कर पाई है | ज्ञान-विज्ञान की शिक्षा देने वाले जैन धर्मदर्शन
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