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________________ अजीव पदार्थ २८. दो समय एकत्रित नहीं होते। इसलिए जिन भगवान ने काल के स्कन्ध नहीं कहा है। स्कंध बहुतों के समुदाय से । होता है। समुदाय बिना स्कंध नहीं होता। काल के स्कंध देश, प्रदेश, परमाणु क्यों नहीं? (गा० २८-३२) २६. अतीत काल में अनन्त समय हुए हैं। वे तो जैसे उत्पन्न हुए वैसे ही उनका विनाश भी हो गया है। वे कभी एक साथ इकट्ठे नहीं हुए फिर उनका स्कंध कैसे हो ? ३०. आगामी काल में भी अनन्त समय होंगे। वे भी एक-साथ इकट्ठे नहीं होंगे। वे जैसे उत्पन्न होंगे वैसे ही उनका विनाश हो जायेगा। तब स्कंध किस तरह होगा? ३१. वर्तमान काल एक समय रूप है और एक समय का स्कंध नहीं होता। यह एक समय भी उत्पन्न होकर विनाश को प्राप्त हो जाता है। काल का इस तरह कोई स्थिर द्रव्य नहीं होता। ३२. स्कंध बिना काल के देश नहीं होता। स्कंध और देश के बिना प्रदेश नहीं होता। यहाँ स्कंध से प्रदेश अलग नहीं होता है। इसलिए काल के परमाणु भी नहीं होता। ३३. इसलिए काल के स्कंध नहीं कहा है और न देश और प्रदेश ही कहे हैं। स्कंध से छूटकर अलग हुए बिना उसके परमाणु कौन मानेगा ? ३४. तीर्थंकरों ने काल का माप चन्द्रमादिक की विख्यात चाल-गति से स्थिर किया है। यह चाल-गति सदा तीन काल में शाश्वती है। यह तिल मात्र भी घटती-बढ़ती नहीं ।
SR No.006272
Book TitleNav Padarth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Rampuriya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1998
Total Pages826
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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