________________
४६
नव पदार्थ
क्रिया करता है वह अविनयी है। सावद्य और निरवद्य क्रिया करने वाले दोनों ही भाव जीव
है ।
१५. आध्यात्मिक और लौकिक वीर भाव जीव हैं (गाथा ५९ - ६०) :
वीर दो तरह के होते हैं - एक सांसरिक वीर और दूसरे आध्यात्मिक वीर । जो कर्म-रिपुओं से युद्ध करने में अपनी शक्ति को लगाते हैं वे आध्यात्मिक वीर हैं। जो सांसरिक रिपुओं से ही युद्ध करते हैं वे आध्यत्मिक वीर नहीं केवल सांसारिक वीर हैं दोनों ही भाव जीव हैं। आध्यात्मिक वीर मोक्ष को प्राप्त करता है, सांसारिक वीर अपने संसार की वृद्धि करता है।
I