SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 537
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ५१२ नव पदार्थ इन परम्पराओं में पहली परम्परा का उल्लेख श्वेताम्बर-दिगम्बर मान्य तत्त्वार्थसूत्र तथा अन्य अनेक ग्रन्थों में उपलब्ध है, पर आगमों में नहीं। संवर आस्रव का प्रतिपक्षी पदार्थ है। एक-एक आस्रव का प्रतिपक्षी एक-एक संवर होना चाहिए। संवरों की संख्या सूचक पहली परम्परा, आस्रव-द्वारों की संख्या का निरूपण करनेवाली परम्पराओं में से प्रत्यक्षतः किसी भी परम्परा की प्रतिपक्षी नहीं है और संवरों की संख्या स्वतंत्र रूप से प्रतिपादित करती है। उपर्युक्त चार संवर की सूचक परम्पराएँ आचार्य कुन्दकुन्द द्वारा समर्थित हैं और अपने निरूपण में क्रमशः उस-उस आस्रव की प्रतिपक्षी हैं। चौथी और पाँचवीं परम्पराएँ आगमिक हैं | उनका प्ररूपण आस्रव के उतने ही भेदों को बतलाने वाली परम्पराओं के प्रतिपक्षी रूप में हैं।। चौथी परम्परा के अन्तिम पंद्रह भेद विरत संवर के ही भेद हैं। इस तरह ये दोनों परम्पराएँ एक ही हैं केवल संक्षेप-विस्तार की अपेक्षा से ही दो कही जा सकती है। स्वामीजी ने इसी ढाल (गा० ११५) में आगमिक परम्परा सम्मत संवर के बीस भेदों का विवेचन किया है। हम यहाँ पाठकों के लाभ के लिए प्रथम परम्परा सम्मत संवर के सत्तावन भेदों का संक्षिप्त विवचेन दे रहे हैं। संवर के सत्तावन भेदों का विवेचन : संवर के भेद अधिक से अधिक ५७ बतलाये गये हैं। देवेन्द्रसूरि लिखते हैं-“संवर के भेद तो अनेक हैं। आचार्यों ने इतने ही कहे हैं।" १. (क) तत्त्वा ६.२, ४-१८ (ख) नवतत्त्साहित्यसंग्रह के सर्व नवतत्त्वप्रकरण २. नवतत्त्वसाहित्यसंग्रह : भाग्यविजयकृत श्रीनवतत्त्वस्तवनम् ८८ : भेद वीश संवरना कह्या, ठाणाङ्ग सूत्र मोझार। भेद सत्तावन पण कह्या, ग्रन्थातरथी विचार ।। ३. इन परम्पराओं के लिए देखिए पृ० ३७२ टि० ५ ४. देखिए वही ५. ठाणाङ्ग ५.२ ४१ टीका : संवरद्वाराणि-मिथ्यात्वादीनामाश्रवाणां क्रमेण विपर्यया : ६. नवतत्त्वसाहित्यसंग्रह : देवेन्द्रसूरिकृत नवतत्त्वप्रकरणम् : ४१ सो पुण णेगविहोवि हु, इह भणिओ सत्तवन्नविहो।। 5
SR No.006272
Book TitleNav Padarth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Rampuriya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1998
Total Pages826
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy