________________
जीव पदार्थ
५६. संसार में वे शूरवीर कहलाते हैं जो किसी के डराये नहीं
डरते। वे भी सांसरी भाव जीव हैं। प्राणी अनन्त बार ऐसा वीर हुआ है।
लौकिक और आध्यात्मिक भाव जीव
६०. सच्चे शूरवीर वे हैं जो दिन-रात कर्मों को काटते हैं। वे
शुभ भाव जीव हैं। वे दिन-प्रति-दिन मोक्ष को नजदीक कर
उपसंहार
६१. मैं कह कर कितना कह सकता हूँ। द्रव्य जीव और भाव
जीव दोनों को अच्छी तरह पहचानो और हृदय में यथातथ्य रूप से जानो।
६२. द्रव्य और भाव जीव को अवलक्षित कराने वाली यह जोड़
श्रीजीद्वार में सं० १८५५ की चैत बदी १३ दिन सम्पूर्ण की