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________________ १३८ नव पदार्थ १०. पांच शरीर छै सुध निरमला, त्यांरा निरमला तीन उपंग हो लाल। ते पामें सुभ नाम उदय हूआं, सरीर में उपंग सुचंग हो लाल।। ११. पेहला संघयण ना रूड़ा हाड छै, पेहलो संठाण रूड़े आकार हो लाल। ते पामें सुभ नाम उदे थकी, हाड ने आकार श्रीकार हो लाल।। १२. भला भला वर्ण मिल जीव नें, गमता गमता घणां श्रीकार हो लाल। ते पामें सुभ नाम उदे हूआं, जीव भोगवे विविध प्रकार हो लाल।। १३. भला भला मिले रस जीव ने, गमता गमता घणा श्रीकार हो लाल। ते पामें सुभ नाम उदे थकी, जीव भोगवे विविध प्रकार हो लाल।। १४. भला भला मिले फरस जीव नें, गमता गमता घणा श्रीकार हो लाल। ते पामें सुभ नाम उदें थकी, जीव भोगवे विविध प्रकार हो लाल।। १५. भला भला मिले फरस जीव नें, गमता गमता घणा श्रीकार हो लाल। ते पामें सुभ नाम उदे थकी, जीव भोगवे विविध प्रकार हो लाल।। १६. तस रो दशको छै पुन उदे, सुभ नाम उदय सूं जांण हो लाल। त्यांने जूआ जूआ का वरणवू निरणो कीजो चतुर सुजाण हो लाल।। १७. तस नाम शुभ कर्म उदे थकी, तसपणो पामें जीव सोय हो लाल । बादर सुभ नाम कर्म उदय हूंआ, जीव चेतन बादर होय हो लाल ।। १८. प्रतेक सुभ नाम उदे हूंआ, प्रकसरीरी जीव थाय हो लाल। प्रज्यापता सुभ नाम थी, प्रज्यापतो होय जाय हो लाल।।
SR No.006272
Book TitleNav Padarth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Rampuriya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1998
Total Pages826
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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