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________________ 8 88 8 महामन्त्र णमोकार : एक वैज्ञानिक अन्वेषण मन्त्रस्य रंगों के अनुभव को प्रक्रिया ध्वनि, प्रकाश और रंग का अविनाभावी सम्बन्ध है। इनमें क्रम को ध्वनि से प्रकाश अथवा रंग से स्वीकृत किया जासकता है। अतः स्पष्ट है कि इस समस्त चराचर जगत् के मूल में रंग का आदि-आधार के रूप में महत्त्व है। मन्त्रों में रंग का विशेष महत्त्व है क्योंकि रंग के द्वारा एकाग्रता, ध्यान, समाधि और आत्मोपलब्धि तक सरलता से पहुंचा जा सकता है। रंग से हमें इष्ट की परमेष्ठी की छवि का संधान करना सुगम एवं निर्धम हो जाता है। उदाहरण के लिए हम अरिहंत परमेष्ठी के श्वेत रंग को ले सकते हैं। णमो अरिहंताणं' पद के उच्चारण के साथ तुरन्त हमारे तन-मन में अरिहन्त के गुणों की निर्मलता (स्वच्छता-सफेदी) और काया की पवित्रता (स्वच्छता-श्वेतिमा) का एक भाव-चिन-एक रूपाकृति उभरती है और धोरे-धीरे हम उसका साक्षात्कार भी करते हैं । यदि किसी भक्त के मन में ऐसा श्वेतवाणी दृश्य नहीं बन रहा है तो उसकी तन्मयता में कहीं कमी है। उसे और प्रयत्न करना चाहिए । ध्यान में सहज एकाग्रता आने पर कोई कठिनाई नहीं होगी। अरिहन्त परमेष्ठी की निर्मल आकृति का आभा मण्डल हमारे मन में बनेगा ही। हां, यदि पुनः पुनः प्रयत्न करने पर भी सहज एकाग्रता नहीं आ रही है तो हमें अपने चारों तरफ अभिप्रेत रंग के अनुकूल वातावरण बनाना होगा। हमें श्वेतवर्ण के वस्त्र, श्वेतवार्णी माला और श्वेतवर्णी कक्ष में बैठकर मन्त्र के इस पद का जाप करना होगा। श्वेतवर्ण की कुछ वस्तुओं को अपनी समीपता में रखना होगा। अष्टम तीर्थकर चन्द्रप्रभु का श्वेतवर्ण माना गया है अतः उनकी श्वेतमति की समक्षता में बैठकर णमोकार मन्त्र का पूरा या केवल णमो अरिहंताणं का पाठ करना विशेष लाभकारी होगा। ध्यान रखना है कि ये सब साधन हैं, साध्य नहीं। स्वयं रंग भी साधन ही हैं। रंग ही क्यों स्वयं सम्पूर्ण मन्त्र भी तो आत्मोपलब्धि का अद्वितीय साधन ही हैं। श्वेत रंग मौलिक रंग नहीं है। सात मौलिक रंगों के आनुपातिक मिश्रण से बनता है। अतः वास्तव में देखा जाए तो अरिहन्त परमेष्ठी या अहम् में ही सभी परमेष्ठी गभित हैं। जिसके चित्त में अरिहन्त की श्वेताभा का जन्म हो
SR No.006271
Book TitleMahamantra Namokar Vaigyanik Anveshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Jain
PublisherMegh Prakashan
Publication Year2000
Total Pages234
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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