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| संलेखना सूत्र अह भंते! अपच्छिम-मारणंतिय-संलेहणा झूसणा आराहणा पौषधशाला पूंज, पूंजकर उच्चार-पासवण भूमिका पडिलेह, पडिलेह कर, गमणागमणे, पडिक्कम पडिक्कम कर, दर्भादिक संथारा, संथार संथारकर, दर्भादिक संथारा दुरूह-दुरूह कर पूर्व तथा उत्तर दिशि सन्मुख, पल्यंकादिक आसन से बैठकर, करयल-संपरिग्गहियं, सिरसावत्तं, मत्थए अंजलिं कटु एवं वयासी“नमोत्थुणं अरिहंताणं जाव संपत्ताणं-" ऐसे अनन्त सिद्धों को नमस्कार करके
श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र