________________
दशम देशावकाशिक व्रत के अतिचार
दशवाँ देशावकाशिक व्रत के विषय में जो कोई अतिचार लगा हो तो आलोऊँमर्यादित सीमा के बाहर की वस्तु मँगाई हो, अथवा बाहर वस्तु भेजी हो, शब्द करके चेताया हो, रूप दिखाकर अपना भाव प्रकट किया हो, कंकर आदि फेंककर दूसरे को बुलाया हो, तो तस्स मिच्छामि दुक्कडं।
| एकादश पौषध व्रत के अतिचार
ग्यारहवें प्रतिपूर्ण पौषध व्रत के विषय में जो कोई अतिचार लगा हो तो आलोऊँ- पौषध व्रत में शय्या संथारे की प्रतिलखेना न की
उसकी प्रमार्जना न की हो, उच्चार-पासवण भूमि की प्रतिलेखना न की हो, उसकी प्रमार्जना न की हो,
. श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र