SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 65
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अष्ठम अनर्थदण्ड विरमण व्रत के अतिचार आठवाँ अनर्थदण्ड विरमण व्रत के विषय में जो कोई अतिचार लगा हो तो आलोऊँ कन्दर्प की कथा की हो, भाण्ड-कुचेष्टा की हो, मुखरी (बिना प्रयोजन) वचन बोला हो, अधिकरण जोड़कर रखे हों, उपभोग-परिभोग अधिक बढ़ाए हों, तो तस्स मिच्छामि दुक्कडं। | नवम सामायिक व्रत के अतिचार | नवमें सामायिक व्रत के विषय में जो कोई अतिचार लगा हो तो आलोऊँ सामायिक में मन, वचन, काया के अशुभ योग प्रवर्ताये हों, सामायिक की संभालना न की हो, अधूरी पारी हो, तो तस्स मिच्छामि दुक्कडं। श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र - ६२
SR No.006269
Book TitleShravak Pratikraman Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPushkarmuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year
Total Pages148
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy