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निंदामि, गरिहामि, अप्पाणं वोसिरामि। __ [दाहिना घुटना भूमि पर टेककर, बायाँ घुटना खड़ा
कर उस पर अंजलिबुद्ध “कमलपुष्पवत्" दोनों हाथ रखकर, प्रणिपात सूत्र-नमोत्थुणं दो बार पढ़ें। नमोत्थुणं में पहला सिद्धों का, दूसरा अरिहंतों का है। अरिहंतों के नमोत्थुणं में “ठाणं संपत्ताणं” के बदले “ठाणं संपाविऊं कामाणं" पढ़ना चाहिए।] चित्र देखिए
| प्रणिपात सूत्र नमोत्थुणं अरिहंताणं, भगवंताणं, आइगराणं, तित्थयराणं, सयंसंबुद्धाणं, पुरिसुत्तमाणं पुरिससीहाणं पुरिसवर-पुंडरीयाणं, पुरिसवर-गंधहत्थीणं, लोगुत्तमाणं, लोग-नाहाणं,
श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र