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[अन्नत्थ एक बार बोलें]
आगार सूत्र
अन्नत्थ ऊससिएणं, नीससिएणं, खासिएणं, छीएणं, जंभाइएणं, उड्डएणं, वाय-निसग्गेणं, भमलीए, पित्तमुच्छाए, सुहमेहिं अंग-संचालेहिं ॥१॥ सुहुमेहिं खेल-संचालेहि, सुहुमेहिं दिट्ठि-संचालेहिं ॥२॥ एवमाइएहिं आगारेहि, अभग्गो, अविराहिओ, हुज मे काउस्सग्गो॥३॥ जाव अरिहंताणं, भगवंताणं, नमुक्कारेणं न पारेमि ॥४॥ ताव कायं ठाणेणं, मोणेणं, झाणेणं, अप्पाणं वोसिरामि॥५॥
श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र
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