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किलामिया, उद्दविया, ठाणाओ ठाणं संकामिया, जीवियाओ ववरोविया, तस्स मिच्छामि दुक्कडं ॥७॥
[तस्स उत्तरी एक बार बोलें] | उत्तरीकरण सूत्र (कायोत्सर्ग की प्रतिज्ञा)
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तस्स उत्तरी-करणेणं, पायच्छित्त-करणेणं, विसोही-करणेणं, विसल्ली-करणेणं, पावाणं-कम्माणं, निग्घायणट्ठाए, ठामि काउस्सग्गं ॥१॥ (चित्र के अनुसार खड़ी मुद्रा में आगार सूत्र बोलें) । श्रावक प्रतिक्रमण सूत्र ।। २३ |